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Seoni News: केवलारी तहसील में हुए 11 करोड़ से ज्यादा के राहत राशि घोटाले का मामला

- एक ही खाते में गबन के 1 करोड़ से ज्यादा तक डाले गए
- वित्त विभाग की जांच में कुल 45 लोगों को 11 करोड़ 26 लाख रुपए गबन का दोषी बताया गया है।
- वित्त विभाग द्वारा की गई घोटाले की जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद से जहां यह मामला एक बार सुर्खियों में आ गया है
Seoni News: 279 मनगढ़ंत लोगों के नाम पर अंजाम दिए गए केवलारी तहसील के राहत राशि घोटाले की परतें उधडऩे का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। वित्त विभाग द्वारा की गई घोटाले की जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद से जहां यह मामला एक बार सुर्खियों में आ गया है, वहीं प्रशासनिक हलचल भी तेज हो गई है। वित्त विभाग की जांच में दस्तावेजों की जांच न किए जाने और कोषालयीन सॉफ्टवेयर (आईएफएमआईएस मॉड्यूल्स) से जनरेटेड देयकों के प्रिंट के आधार पर रिपोर्ट तैयार किए जाने को लेकर जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं।
हालांकि वित्त विभाग की जांच से कई अन्य खुलासे भी हुए हैं। सामने आया है कि राहत राशि घोटाले को अंजाम देने में एक ही नाम के मनगढ़ंत लोगों को कई-कई बार मृत बताकर हर बार 4-4 लाख रुपए राहत राशि अलग-अलग खातों में पहुंचाई गई।
ललित सरयाम पिता भौरेलाल सरयाम के खाते में 1 करोड़ 29 लाख 75 हजार 902 रुपए, श्रेष्ठ अवधिया पिता लक्ष्मण अवधिया के खाते में 1 करोड़ 20 लाख 32 हजार रुपए, अजय यादव पिता रामकुमार यादव के खाते में 81 लाख 80 हजार 759 रुपए, विशेष अवधिया पिता रामकुमार अवधिया के खाते में 76 लाख 37 हजार 874 रुपए, सुमित कुमार पिता बाबूलाल के खाते में 76 लाख रुपए तथा दीपक कुमार पिता बस्ताराम चौहान के खाते में 68 लाख रुपए पहुंचाए गए। कई अन्य खातों में भी लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन कराया गया। वित्त विभाग की जांच में कुल 45 लोगों को 11 करोड़ 26 लाख रुपए गबन का दोषी बताया गया है।
21 गिरफ्तार, 16 फरार
महालेखाकार ग्वालियर से भेजी गई ऑडिट टीम वर्ष 2022 के अक्टूबर माह में केवलारी तहसील आई थी, जिसके बाद घोटाले का सरगना बाबू सचिन दहायत फरार हो गया था। तत्कालीन तहसीलदार हरीश लालवानी ने जांच कराई तो कार्यालय में दस्तावेज नहीं मिले और सामने आया कि बाबू ने फर्जीवाड़ा करते हुए बड़े घोटाले का अंजाम दिया गया है।
इसके बाद लालवानी ने केवलारी थाना में 15 नवंबर 2022 को एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने फरार सरगना दहायत सहित एक के बाद एक 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके खाते में घोटाले की राशि पहुंचाई गई थी। इस मामले की पुलिस जांच अभी भी जारी है और 16 नामजद आरोपी फरार हैं।
मनगढ़ंत लोगों को कई-कई बार मारा गया
रमेश को 30 बार बताया मृत
रमेश के नाम पर फर्जी वेण्डर बनाकर 30 बार मृत्यु सहायता अनुदान राशि श्रेष्ठ अवधिया के बैंक खाता क्रमांक 32074932189 में 1 करोड़ 20 लाख रुपए डाले गए। इस खाते में 4 फर्जी देयकों के माध्यम से कोटवारों का 32 हजार रुपए मानदेय भी ट्रांसफर किया गया।
14 बार मारी गई कमला बाई
घोटाले को अंजाम देने में कमला बाई के नाम से फर्जी वेण्डर बनाकर 14 बार सर्पदंश/पानी में डूबने से मृत्यु दर्शाकर नितिन के बैंक खाता क्रमांक 32892112473 में 56 लाख रुपए ट्रेजरी से डलवाए गए।
हरेन्द्र की हुई 19 बार मौत
राहत राशि का घोटाला करने वालों ने हरेन्द्र को 19 बार मारा। हरेन्द्र के नाम से फर्जी वेण्डर तैयार कर 19 बार उसकी मृत्यु का उल्लेख करते हुए सुमित कुमार के बैंक खाता क्रमांक 35839726100 में 76 लाख रुपए का भुगतान किया गया।
दीपक के नाम पर हुआ 68 लाख का भुगतान
दीपक के नाम से वेण्डर तैयार कर 17 ट्रांजेक्शनों के माध्यम से आरबीसी 6(4) सहायता अनुदान राशि 68 लाख रुपए दीपक कुमार पिता बस्ताराम के नाम से संचालित एसबीआई के बैंक खाता क्रमांक 31791364692 में डाली गई। दीपक को भी सर्पदंश/पानी से डूबने से मृत बताया गया।
शुभम के नाम से संजय के खाते में गए 40 लाख
राहत राशि घोटाले के सरगना केवलारी तहसील में पदस्थ रहे बाबू सचिन दहायत सहायक ग्रेड-3(अब जेल में) ने क्रियेटर बनकर शुभम के नाम से 10 वेण्डर तैयार कर षडयंत्रपूर्वक 40 लाख रुपए की सहायता राशि संजय कुमार के बैंक खाता क्रमांक 40928419442 में अंतरित कराई गई।
प्रशांत के खाते में पहुंचे 40 लाख
सरगना सचिन दहायत ने क्रियेटर बनकर हर्षित के नाम से सर्पदंश/पानी में डूबने से मृत्यु के नाम पर 10 देयत तैयार किए। ट्रेजरी के कोषालयीन सॉफ्टवेयर (आईएफएमआईएस मॉड्यूल्स) के माध्यम से हर्षित को जारी सहायता राशि 40 लाख रुपए प्रशांत अवधिया के बैंक खाता क्रमांक 3860006046 में पहुंचाए गए।
किसके खाते में कितनी गई घोटाले की राशि
01 ललित सरयाम पिता भौरेलाल सरयाम - 1 करोड़ 29 लाख 75 हजार 902
02 श्रेष्ठ अवधिया पिता लक्ष्मण अवधिया - 1 करोड़ 20 लाख 32 हजार
03 अजय यादव पिता रामकुमार यादव - 81 लाख 80 हजार 759
04 विशेष अवधिया पिता रामकुमार अवधिया- 76 लाख 37 हजार 874
05 सुमित कुमार पिता बाबूलाल - 76 लाख
06 दीपक कुमार पिता बस्ताराम चौहान - 68 लाख
07 नितिन सिहोसे पिता पूरन लाल सिहोसे - 56 लाख
08 राधेश्याम - 52 लाख
09 रूकमणि पति रामकुमार अवधिया - 44 लाख
10 प्रशांत अवधिया - 40 लाख
11 संजय कुमार राय पिता अटल राय - 40 लाख
12 अटल सिंह - 36 लाख
13 राधेश्याम बंदेश्वर - 32 लाख
14 आकांक्षा चौहान - 24 लाख
15 विशेष अवधिया पिता रामकुमार अवधिया - 24 लाख
16 शिवम अग्रवाल पति सुधीर अग्रवाल - 20 लाख 70 हजार 800
17 सरोज पति लक्ष्मण प्रसाद - 20 लाख
18 मनीष पिता रामनंदन बंदेवार - 16 लाख
19 निखिल कहार - 16 लाख
20 पारस दुबे पिता गणेश प्रसाद दुबे - 16 लाख
21 कुमारी चित्रा सिंह - 12 लाख
22 बंटी साधूराम - 12 लाख
23 अनुज कुमार बघेल - 12 लाख
24 श्रेयस पिता अवधेश तिवारी - 8 लाख 2 हजार 112
Created On :   29 May 2025 3:03 PM IST