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Seoni News: निसंतान दंपति ने 50 हजार में बच्चे की कराई थी चोरी

- चार माह बाद हुआ पदार्फाश, चार थाना की टीम को लगाया गया था, वारदात को अंजाम देने में प्रेमिका का लिया सहयोग
- बच्चे के गायब होने की घटना पुलिस के लिए काफी चुनौती बन गई थी।
Seoni News: अपने जिगर के टुकड़े जैसे मासूम बच्चे को चार माह बाद गोद में पाकर मां और पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े । बेटे की किलकारी से सूने पड़े घर में मानो फिर से खुशियां लौट आई। दरअसल, बरघाट के पौनारकला गांव से चार माह पहले दो साल का बच्चा चोरी हो गया था।
पुलिस ने जांच पड़ताल कर बच्चे को तलाशकर उसे परिजन को सौंप दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि निसंतान दंपति ने 50 हजार में बच्चे की चोरी कराई थी। इस घटना को अंजाम देने वाले दंपति समेत एक महिला को बरघाट पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
ये थी घटना
पुलिस ने बताया कि कुरई के लावेसर्रा निवासी राजकुमार उईके 23 अप्रैल को अपने परिवार के साथ पौनारकला गांव में शादी समारोह में आया था। रात करीब 12.30 बजे राजकुमार के दो साल के बेटे देव को किसी ने चुरा लिया था। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरु की। पुलिस ने कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले, यहां तक कि साइबर सेल की भी मदद ली, लेकिन कोई सबूत नहीं मिल पा रहा था।
दंपति ने रची थी साजिश
पुलिस ने बताया कि सिवनी के सूफी नगर निवासी गोपाल उर्फ राज (40) पिता कोमलचंद साहू की शादी शीला साहू (40) से करीब पांच साल पहले हुई थी। संतान न होने के कारण शीला राज से किसी भी तरह बच्चा दिलाने की बात कह रही थी। तब राज ने अपनी प्रेमिका बरघाट की पिंडरई निवासी पुष्पकला उर्फ पुष्पा (35) पति रविंद्र धुर्वे से बच्चा उपलब्ध कराने की बात कही थी। इसके एवज में पुष्पकला ने 50 हजार रुपए मांगे थे। बच्चे के लिए पति पत्नी पुष्पकला पर लगातार दबाव बनाते रहे।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
पुष्पकला के रिश्तेदार के यहां पौनारकला में शादी समारोह था। तभी उसने राज को वहां से बच्चा चुराकर देने की बात कही। पुष्पकला ने शादी वाले घर में सो रहे दो साल के बच्चे को आराम से उठाया और घर से बाहर निकलकर पास में झाडिय़ों में छिप गई थी। इसके बाद राज को बुलाकर बाइक में बैठकर सिवनी की ओर चले गए।
गोद में आने पर भी नहीं पहचाना
पुलिस के अनुसार राज और उसकी पत्नी शीला ने चुराए गए बच्चे की अपने बेटे की तरह परवरिश करने लगे थे। पहले की अपेक्षा उसकी हालत में काफी सुधार भी आ गया था। जब पुलिस ने बच्चे को मां को सौंपा तो वह अपने माता-पिता को भी नहीं पहचान पा रहा था। वह शीला और राज के पास जाने की जिद करने लगा था। हालांकि कुछ समय बाद वह सामान्य हो गया था और माता पिता से घुल मिल गया।
बच्चे को घर से बाहर नहीं निकालते थे
आरोपी इतने शातिर थे कि वे बच्चे को बाहर लेकर नहीं निकलते थे। यहां तक कि किसी को भी जानकारी नहीं देते थे। राज फेरी लगाकर सामान बेचा करता था। जब पुलिस ने घर पर दबिश दी तो आरोपी महिला यह बोलने लगी कि बच्चा उसका है। उससे जब बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र मांगा तो वह नहीं दे पाई। बाद में वह बच्चे को कानूनी रूप से गोद लेने की बात कहती रही। इसके बाद भी वह कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाई थी।
चार थानों की पुलिस लगी थी जांच में
बच्चे के गायब होने की घटना पुलिस के लिए काफी चुनौती बन गई थी। इसके लिए बरघाट, अरी, कोतवाली और डूंडासिवनी थाने की पुलिस जांच में लगी थी। पुलिस ने बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा, बैतूल, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी, नागपुर, गोंदिया आदि क्षेत्रों तक बच्चे की तलाशी के लिए पतासाजी की थी। इस मामले के पर्दाफाश में एसडीओपी ललित गठरे, बरघाट थाना प्रभारी मोहनीश सिंह बैस, डूंडासिवनी थाना प्रभारी सतीश तिवारी, कोतवाली टीआई किशोर वामनकर, अरी थाना प्रभारी आशीष खोब्रागड़े, एसआई सतेंद्र उपाध्याय, ठाकुर सिंह सैयाम, दयाराम शरणागत, नीरज दुबे, एएसआई राजेंद्र ठाकुर, सुबोध मालवीय, लुपेश राहंगडाले, प्रमोद मालवीय, देवेंद्र जायसवाल, रविकांत ठाकुर, सुखराम उईके, मुकेश गोंडाने, मनोज पाल, अजय युवनाती, मतीन और आरक्षक राजेंद्र, उपेंद्र, विनोद, उलेश कटरे, नेपेंद्र, केसरीनंदन, देवीसिंह वरकड़े संजू, अनिल, मंजू, सुकदेव, हेमंत, आर पारस व अजय की भूमिका रही।
Created On :   6 Aug 2025 1:44 PM IST