Shahdol News: शहडोल से उमरिया के बीच 73 किलोमीटर सडक़ 9 साल में नहीं बनी

शहडोल से उमरिया के बीच 73 किलोमीटर सडक़ 9 साल में नहीं बनी
  • अधिकारी भी कह रहे हैं कि ठेकेदार को काम पर तेजी लाने की बात कहते थक गए
  • टीबीसीएल ने हाइवे निर्माण को सुविधा के बजाय समस्या की सडक़ बना दी है।
  • खस्ताहाल हाइवे के कारण शहडोल के कारोबार पर सीधा असर पड़ रहा है।

Shahdol News: मिट्टी और कीचड़ से सनी यह सडक़ नेशनल हाइवे (एनएच) 43 पर घुनघुटी स्थित मोर्चा रेलवे फाटक के समीप बुधवार दोपहर की है। आवागमन के लिहाज से बेहतर हाइवे के दावों के बीच इस सडक़ की ऐसी हालत इसलिए है, क्योंकि शहडोल से उमरिया के बीच 73 किलोमीटर सडक़ का काम 9 साल में पूरा नहीं हुआ।

लापरवाही के बाद भी ठेकेदार फर्म तिरुपति बिल्डकॉन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (टीबीसीएल) को एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन दिया जा रहा है। अब तो मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआरडीसी) के अधिकारी भी कह रहे हैं कि ठेकेदार को काम पर तेजी लाने की बात कहते थक गए हैं।

ऐसे समझें निर्माण में लेटलतीफी की चाल

>> बीरसिंहपुर पाली स्थित रेलवे लाइन के उपर गर्डर लांचिग का काम चल रहा है। यहां काम की धीमी गति के बाद एमपीआरडीसी के शहडोल डीएम अवधेष स्वर्णकार ने कुछ दिन पहले ही ठेकेदार को दो मशीन लगाने की बात कही है, हालांकि नतीजा कुछ नहीं निकला।

>> पठारी रेलवे फाटक पर आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) के एक हिस्से में कई माह पहले से गर्डर रख दिया गया है। अब तक लांचिंग इसलिए नहीं हुई क्योंकि घुनघुटी और बीरसिंहपुर आरओबी में ही गर्डर लांचिग का काम धीमी गति से चला।

अमहा फाटक में काम ही शुरू नहीं

शहडोल से उमरिया के बीच चार आरओबी (मोर्चा, बीरसिंहपुर, पठारी और अमहा) का काम होना है। काम की गति बेहद धीमी होने का नतीजा यह है कि अमहा रेलवे फाटक पर आरओबी का काम बहुत पीछे है। यहां पिलर निर्माण के बाद गर्डर लांचिग की प्रक्रिया ही प्रारंभ नहीं हुई है।

आम आदमी के दर्द की अनदेखी

हम तो शुरू से कह रहे हैं कि टीबीसीएल ने हाइवे निर्माण को सुविधा के बजाय समस्या की सडक़ बना दी है। इसका सीधा नुकसान इस मार्ग पर आवागमन करने वाले वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। हम ठेकेदार को टरमिनेट करवाने के लिए अभियान चला रहे हैं। एमपीआरडीसी के भोपाल के अधिकारियों को पत्र लिख रहे हैं।

-लीलाधर खोडिय़ार वरिष्ठ नागरिक

हमारे नजदीक एयरपोर्ट जबलपुर पहुंचना हो या शहडोल से मुंबई के लिए ट्रेन की सुविधा नहीं होने के कारण कटनी से ट्रेन पकडऩी हो। जबलपुर व कटनी तक जाने के लिए एनएच-43 की खस्ताहाल सडक़ ही बड़ी समस्या है। इसके अलावा किसी को रैफर होने पर जबलपुर जाना हो तो गोल्डन पीरियड तो खराब सडक़ में ही बीत जाएगा। ऐसे में सरवाइवल की संभावना कम हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि सडक़ का काम जल्द पूरा हो।

-विजय दुबे समाजसेवी

खस्ताहाल हाइवे के कारण शहडोल के कारोबार पर सीधा असर पड़ रहा है। बीरसिंहपुर, मंगठार, नौरोजाबाद के लोग शहडोल आना पसंद नहीं करते हैं। उमरिया के लोग जो पहले शहडोल आते थे वे अब कटनी का रूख कर रहे हैं। खराब सडक़ का सीधा नुकसान शहडोल के कारोबार पर पड़ रहा है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि सडक़ काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए।

- दीपक सिंह कारोबारी

Created On :   19 Jun 2025 1:09 PM IST

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