- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- शहडोल
- /
- परिवार के आजीविका का सहारा बनी...
Shahdol News: परिवार के आजीविका का सहारा बनी आदिवासी महिला

- मंडे पॉजिटिव : स्व सहायता समूह से जुडक़र गीता बैगा ने पकड़ी आत्मनिभर्रता की राह
- डिंडोरी जिले के समनापुर में गरीब परिवार में जन्म लेने वाली गीता की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई।
Shahdol News: जिले के विकासखंड सोहागपुर अंतर्गत ग्राम विक्रमपुर निवासी आदिवासी महिला गीता बैगा उन ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा से कम नहीं जो अभावों में गुजर बसर कर रही हैं। गीता बैगा भी उन महिलाओं की तरह थीं, जो मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन कर रही हैं। महिला स्व सहायता समूह से जुडक़र गीता ने आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी और आज अपने परिवार को गरीबी से उबारकर आजीविका का सहारा बन चुकी हैं।
डिंडोरी जिले के समनापुर में गरीब परिवार में जन्म लेने वाली गीता की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई। कक्षा 12वीं के बाद शहडोल जिले के ग्राम विक्रमपुर में सहनू बैगा से उसका विवाह हुआ। पति एवं सास की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी। पति खेती एवं मजदूरी करते थे। खेती योग्य भूमि कम होने से आय सीमित थी। शादी के एक वर्ष बाद अजीविका मिशन द्वारा संचालित स्व सहायता समूह की सदस्य बनीं।
मिशन द्वारा संचालित उपयोजना प्रारंभिक ग्रामीण उद्यमिता से जुड़ कर स्वयं के लिए एक दुकान स्थापित करने के लिए वर्ष 2022 में 10 हजार का ऋण लिया। कुछ दिनों बाद ऋण वापस कर 45 हजार का ऋण पुन: लिया एवं स्वयं के व्यवसाय को बढ़ाने में लग गई। पहले पति मजदूरी करके कमाते थे, अब उनके साथ मिलकर पारिवारिक आमदनी बढ़ाने में सहयोग कर रही हैं।
वर्तमान में गीता की आय 20 हजार रूपए मासिक हो चुकी है। अब आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई है। गीता कहती हैं कि कोई भी काम छोटा नहीं होता। मेहनत करके किसी भी काम को बढ़ा किया जा सकता है। आज मेरा परिवार खुशहाली पूर्वक रह रहा है।
Created On :   10 Jun 2025 1:59 PM IST