प्रिया प्रकाश वारियर को SC से राहत, कोई भी FIR दर्ज न होने का आदेश जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वैलेंटाइन डे पर रातों रात देश का नेशनल क्रश बन गई मलयालम एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश लगातार सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर वायरल मलयालम फिल्म ‘उरु आदर लव’ के गाने ‘मानिक्य मलाराया पूवी’ में प्रिया ने अपने विंक से खूब सुर्खियां बटोरी। इसी गाने को लेकर केस भी कर दिया गया। जिस कारण उन्हें सुप्रीम कोर्ट का मुंह देखना पड़ा। 14 फरवरी को हैदराबाद में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उनके गाने पर मुस्लिम भावनाएं भड़कने का आरोप लगाया गया। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रिया प्रकाश वारियर के खिलाफ सभी एफआईआर पर रोक लगा दी है।
आंख मारकर रातों-रात हिट हुई प्रिया प्रकाश सुप्रीम कोर्ट पहुंची
सुप्रीम कोर्ट ने FIR दर्द न करने दिए आदेश
कोर्ट ने किसी राज्य को इस मामले में एफआईआर या कारवाई न करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि निर्देशक उमर अब्दुल वहाब के खिलाफ तेलंगाना और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। ये विवाद फिल्म के गाने "माणिक्य मलाराया पूवी..." को लेकर हुआ, जो कि केरल के मालाबार क्षेत्र का एक पारंपरिक मुस्लिम गीत है। यह गाना पैगम्बर मोहम्मद और उनकी पहली पत्नी खदीजा के बीच प्रेम का वर्णन और प्रशंसा करता है। इस गाने के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तेलंगाना, रजा अकादमी और जन जागरण समिति ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर चोट पहुंचाने के लिए एफआईआर दर्ज कराई थी।
प्रिया प्रकाश की फिल्म के गाने पर FIR, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप
गाने में मुस्लिमों के खिलाफ कुछ भी नहीं
बताया जा रहा है कि शिकायत करने वाले को पहले प्रिया प्रकाश का ये गाना बहुत पसंद आया था। गाना मलयालम में होने की वजह से उनको समझ नहीं आया तो उन्होंने शब्दों का अनुवाद करके समझा। उसके बाद उनको यह गाना मुस्लिम भावनाएं आहत करने वाला लगा। फिलहाल कोर्ट ने आदेश दिया है कि निर्देशक उमर अब्दुल वहाब और प्रिया प्रकाश पर कोई एफआइआर दर्ज न हो।
फिल्म के डायरेक्टर के साथ खुद प्रिया भी इसके बचाव में सामने आगे आई हैं। फिल्म के निर्देशक ओमर लूलू ने कहा कि यह गाना इस्लाम विरोधी नहीं है बल्कि यह मोहम्मद साहब की तारीफ करता है। "यह रोमांटिक गाना नहीं है बल्कि एक पारंपरिक मुस्लिम गाना है। यह कुछ अवसरों पर गाया जाता है। वीडियो के कुछ दृश्यों के कारण यह रोमांटिक जैसा दिख रहा है। इसमें इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ कुछ भी नहीं है। यह बहुत ही पुराना गाना है, जिसे सभी समुदायों द्वारा गाया जाता है।"
Created On :   21 Feb 2018 1:29 PM IST