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फैक्ट चेक: पश्चिम बंगाल हिंसा से जोड़ कर पुलिस वाले का वीडियो वायरल, असल में 10 साल पुरानी है घटना

- शख्स को पीटते पुलिसवाले का वीडियो वायरल
- 2014 का है मामला
- रिवर्स सर्च में सामने आई सच्चाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस को एक शख्स को बेरहमी से मारते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह घटना पश्चिम बंगाल की है जहां हाल ही में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। आपको बता दें कि, वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद मुस्लिम संगठनों में गुस्सा देखने को मिला। इसी के चलते पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगाई और पुलिस पर भी पत्थर फेंके। 3 लोगों की हत्या कर दी गई। हिंसा के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस्तीफा की भी मांग की गई। दरअसल, यह घटना 2025 की नहीं बल्कि 2014 की है।
क्या हो रहा है वायरल?
'Mukund Upadhyay' नामक फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो अपने अकाउंट पर शेयर कर लिखा- वीडियो बीरभूमि बंगाल से आया है, पिटने वाला हिन्दू है, पीटने वाले पुलिस वाले SP का नाम निशात परवेज़ और ADSP फरहत अब्बास है, पिटने वाले हिंदू का अपराध ये है कि हनुमान जयंती पर प्रभात फेरी का आयोजन किया था, ममता बानो ने बंगाल में शरिया लगा रखा है और हिंदुओं का जीवन नर्क बना दिया है। वीडियो में आप आवाज सुन सकते हो, पीड़ित व्यक्ति जय बजरंग बली, जय बजरंग बली बोल रहा है।
क्या है वायरल वीडियो के पीछे की सच्चाई?
वायरल वीडियो की सच्चाई पता लगाने के लिए हमने स्क्रीनशॉट्स को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। ऐसा करने पर हमें 'INDIA ZONE' नामक यूट्यूब चैनल मिला जहां वायरल वीडियो 10 साल पहले ही 30 सितंबर 2014 को अपलोड की जा चुकी है। इससे यह साफ होता है कि घटना पश्चि बंगाल में हुई हिंसा के वक्त की नहीं है। लोग झूठा दावा कर भ्रम फैला रहे हैं।
Created On :   23 April 2025 2:37 PM IST