भारत-मालदीव-चीन: हिंद महासागर द्वीप मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है बीजिंग-मुइज्जू

हिंद महासागर द्वीप मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है बीजिंग-मुइज्जू
  • मुइज्जू ने की चीन की तारीफ
  • मालदीव के विकास में सहायता प्रदान करेगा चीन
  • रक्षा करने में मालदीव का असली सहयोगी कौन?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन के साथ अपने देश के रणनीतिक संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और बीजिंग हिंद महासागर द्वीप मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है।

पिछले साल नवंबर में पदभार संभालने के बाद मालदीव के भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में असहजता के बीच मुइज्जू की टिप्पणी आई है। चीन की हाई-प्रोफाइल राजकीय यात्रा के बाद शनिवार को मालदीव लौटे मुइज्जू ने कहा कि चीन ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से मालदीव के विकास में सहायता प्रदान की है।

आपको बता दें हाल ही में भारत-मालदीव के राजनयिक विवाद के बीच मालदीव के नव निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन का दौरा किया। मुइज्जू ने 10 जनवरी को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों देशों के प्रमुखों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। मालदीव के राष्ट्रपति के कार्यालय के मुताबिक मालदीव और चीन की सरकारों के बीच 20 अहम समझौतों पर दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों में पर्यटन सहयोग, आपदा जोखिम में कमी, समुद्री अर्थव्यवस्था, डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश को मजबूती देना और बेल्ट एंड रोड पहल शामिल हैं।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक चीन राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल विकास करने में मालदीव का समर्थन करता है। चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने में मालदीव का सहयोगी रहेगा।

Created On :   15 Jan 2024 11:41 AM GMT

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