SCO Summit 2025: ट्रंप को दो टूक जवाब, पाकिस्तान को चेतावनी और CPEC पर चीन को वॉर्निंग, SCO समिट में जमकर गरजे पीएम मोदी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल हुए होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। बता दें, यह शिखर सम्मेलन कई मायनों में भारत के लिए उम्मीद से ज्यादा बढ़कर साबित हुआ है। यह भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता को प्रदर्शित करने और दुनिया को संदेश देने वाला मंच था कि भारत अपने नियमों से चलता है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, पाकिस्तान और खुद चीन को दू । पीएम मोदी ने साफ संदेश दिया कि भारत न तो दवाब में आएगा, न ही उसे अलग-थलग किया जा सकता है और न ही दवाब में कोई समझौता किया जाएगा।
एससीओ समिट में जमकर गरजे पीएम मोदी
एससीओ सम्मेलन के दौरान की सबसे यादगार तस्वीर पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की रही है। जब दोनों देशों के नेताओं ने अपनी द्विपक्षीय बैठक के लिए एक ही कार में एक साथ सफर किया था। वहीं, शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से गर्मजोशी से हाथ मिलाकर उन्हें गले लगाया था। गौरतलब है कि, समय समय पर पश्चिम देशों से जिनपिंग और पुतिन के बीच मतभेद खुलकर सामने आते रहते हैं। लिहाजा, पीएम मोदी को इन दोनों नेताओं के इतने करीब आना अमेरिका के लिए सख्त संदेश था, जो डोनाल्ड ट्रंप को बेचैन कर देगा।
बता दें, बीते लंबे समय से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की छवि अपने सहयोगियों के प्रति लेन-देन और धौंस दिखने की रही है। ट्रंप के इस रवैये को अक्सर को कई बार देखा गया है। पुतिन और शी जिनपिंग के साथ पीएम मोदी की बॉडी लैंग्वेज से साफ संदेश था कि भारत ट्रेड डील को लेकर नहीं झूकेगा और उसके पास कई विकल्प मौजूद हैं। यह ट्रंप को संदेश था कि अगर भारत पर दवाब डाला गया तो वह दूसरे वैश्विक शक्तियों के साथ अपने संबंधों को गहरा करेगा।
अमेरिका, चीन और पाकिस्तान को दिया दो टूक जवाब
एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने सभी देशों को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई। इसके साथ ही पीएम मोदी ने सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकमुश्त होने का अह्वान किया। इस दौरान एससीओ के सदस्य देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंडों को नकार दिया, जो भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत थी। पीएम मोदी ने दिखाया कि आतंकवाद को प्रायोजित करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान का हर समय पर्दाफाश किया जाएगा।
वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी ने बल देते हुए कहा कि भारत चीन के साथ आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि संप्रभुता को दरकिनार करने वाली कनेक्टिविटी विश्वास खो देती है। यह चीन के लिए सीधा संदेश था कि एससीओ में भारत के सहयोग का मतलब चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) जैसी परियोजनाओं के आगे झुकना नहीं है, जो पीओके (PoK) से होकर गुजरती है।
इसके अलावा पीएम मोदी ने भारत के दो विकल्प चाबहार बंदरगाह परियोजना और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर को पेश किया। इन परियोजनाओं से भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया से जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। इन्हें चीन की BRI भूमिका के लिए एक चुनौती के रूप में भी देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने इस कनेक्टिविटी को विश्वास और संप्रभुता पर आधारित बताया।
Created On :   1 Sept 2025 11:14 PM IST