रस्सी जल गई पर बल नहीं गया!: बूंद-बूंद को मोहताज पाक ने भारत को फिर दिखाई आंख, सिंधु जल संधि को लेकर बिलावल भुट्टो ने युद्ध छेड़ने की दी गीदड़भभकी

बूंद-बूंद को मोहताज पाक ने भारत को फिर दिखाई आंख, सिंधु जल संधि को लेकर बिलावल भुट्टो ने युद्ध छेड़ने की दी गीदड़भभकी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पीपीपी पार्टी के चीफ बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत से बातचीत करने की पेशकश की है। दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए भारत के एक्शन से पाकिस्तान को काफी बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। ऐसे में अब बिलावल भुट्टो भारत से बातचीत करके कश्मीर, सिंधु जल संधि समेत आतंकवाद के मसलों पर बात करना चाहते हैं। उनका कहना है कि इन मसलों को भारत-पाक व्यापक बातचीत के जरिए ही सुलझा सकते हैं। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर सिंधु जल संधि को दोबारा से शुरू नहीं किया गया तो पाकिस्तान के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

    'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार की खबर के मुताबिक, पश्चिमी देशों की यात्रा पर संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे बिलावल ने रविवार को ब्रसेल्स की यात्रा के दौरान जर्मन प्रसारक 'दायचे वेले उर्दू' को दिए इंटरव्यू में यह बयान दिया है।

    उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान और भारत के बीच सभी लंबित मुद्दों को केवल व्यापक बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। अगर भारत बातचीत के लिए टेबल पर नहीं आता है तो यह उनके हित में नहीं होगा।"

    पूर्व विदेश मंत्री ने चेताया कि भारत की ओर से पाकिस्तान की जल आपूर्ति रोकने के किसी भी प्रयास को अस्तित्व के लिए खतरा माना जाएगा, जिससे पाकिस्तान के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.

    एक दिन पहले बिलावल भुट्टो जरदारी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत को बातचीत के लिए टेबल पर लाने और समग्र वार्ता के माध्यम से दक्षिण एशिया में स्थाई शांति सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया था, जिसमें कश्मीर मुद्दा, जल मुद्दा और आतंकवाद का समाधान भी शामिल है.

    वहीं, भारत ने अपना रूख साफ करते हुए कि वह पाकिस्तान के साथ केवल पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा। समग्र वार्ता की शुरुआत 2003 में हुई थी जब पाकिस्तान में जनरल परवेज मुशर्रफ का शासन था. इसमें आठ घटक थे, जिनमें दोनों देशों के बीच सभी विवादास्पद मुद्दे शामिल थे. साल 2008 के मुंबई हमलों के बाद बातचीत पटरी से उतर गई थी और उचित रूप में बहाल नहीं हो पाई।

    पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा या जल अधिकारों से समझौता नहीं करेगा. बिलावल भुट्टो जरदारी ने दोहराया कि पाकिस्तान शांति की वकालत तो करता रहेगा, लेकिन जल सुरक्षा जैसे मुद्दों पर कोई समझौता नहीं हो सकता।

    Created On :   16 Jun 2025 7:41 PM IST

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