INDIA vs PAK: थमने का नाम नहीं ले रहा पाकिस्तान का 'कॉपी गेम', चैनल BAN करने से लेकर डेलिगेशन तक, पड़ोसी मुल्क ने इन चीजों में की भारत की नकल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान लगातार भारत की देखा-देखी करने से थक नहीं रहा है। चैनल पर बैन लगाने से लेकर प्रतिनिधिमंडल बनाने तक पड़ोसी मुल्क का हर चीज में 'कॉपी गेम' जारी है। भारत ने वैश्विक स्तर पर दुश्मन देश के काले कारनामे उजागर करने के लिए ऑल पार्टी डेलिगेशन बनाया है। इसमें मंत्रियों, पूर्व राजदूतों और सांसदों को शामिल किया गया है। वहीं, पाक के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नकल करते हुए पूर्व विदेश मंत्री और भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में समित का गठन किया है जो पूरी दुनिया में फिर से झूठ परोसने का काम करेंगे। पूर्व मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान, हिना रब्बानी खार और पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी इस कमेटी का हिस्सा हैं। इस बात की जानकारी खुद भुट्टो की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर दी गई। तो चलिए जानते हैं दुश्मन देश ने और क्या-क्या कॉपी किया?
चैनल ब्लॉक
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहरा गया। इंडियन आर्मी और सरकार के खिलाफ झूठ फैलाने के चलते भारत ने पड़ोसी मुल्क के 16 यूट्यूब चैनल ब्लॉक कर दिया जिनमें कई बड़े न्यूज चैनल्स शामिल हैं। इसके बाद पाकिस्तान ने नकल करते हुए भारत की 32 वेबसाइट्स को बैन कर दिया।
शिमला समझौते से पीछे हटना
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े एक्शन लिए जिनमें सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने जैसे बड़े फैसले शामिल थे। वहीं, पाक ने देखा-देखी करते हुए शिमला समझौता रद्द कर दिया था। आपको बता दें कि, दोनों देशों के बीच 2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में यह समझौता हुआ था। दरअसल, 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच जोरदार युद्ध हुआ था जिसमें दुश्मन देश को करारी हार का सामना करना पड़ा था। बड़ी बात तो यह है कि 39,000 से भी ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों ने इंडियन आर्मी के सामने सरेंडर किया था। इस हार के बाद भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकाल अली भुट्टो के बीच समझौता हुआ था।
शिमला समझौते की बड़ी बातें-
भारत और पाकिस्तान ने यह तय किया था कि वह सरहद का सम्मान करेंगे।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार नहीं किया जाएगा।
सीमा पर बल का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।
युद्धबंदियों को कैद नहीं किया जाएगा।
मीटिंग बुलाने की नकल
पहलागम हमले के बाद भारत में लगातार बैठकों का दौर शुरू हो गया था। आतंकी हमले के ठीक अगले दिन (23 अप्रैल) को कैबुनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक बुलाई गई। यह बैठक तब बुलाई जाती है जब भारत की सुरक्षा को खतरा होता है। CCS की देखा-देखी करते हुए पाकिस्तान ने नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (एनएससी) की मीटिंग की।
जवानों से मिले शहबाज शरीफ
आतंकवाद के खिलाफ लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरबेस का दौरा कर जवानों का हौसला बढ़ाया। दूसरी ओर दुश्मन देश के पीएम शहबाज शरीफ ने भी दौरा करना शुरू कर दिया और सियालकोट स्थित छावनी में पाकिस्तान के जवानों से मिले।
Created On :   18 May 2025 2:52 PM IST