US-India tariff dispute: खुद कर रहे रूस के साथ व्यापार और भारत की कर रहे आलोचना, अमेरिका और ईयू के आरोपों पर मोदी सरकार का तीखा पलटवार

- यूएस और यूरोपीय यूनियन ने रूस के साथ व्यापार को लेकर भारत की आलोचना की
- विदेश मंत्रालय ने दिया दो टूक जवाब
- देश हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की कही बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते जब पूरी दुनिया में ऊर्जा संकट गहराया था तब भारत ने सस्ते दामों पर रूस से तेल आयात किया था। इसे लेकर अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने भारत की आलोचना की, लेकिन वे खुद भी रूस से व्यापार में पीछे नहीं हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया कि यूएस और ईयू का भारत पर निशाना साधना न केवल गलत है बल्कि खुद उनकी कथनी-करनी में फर्क उजागर करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत को रूस से तेल आयात करने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्योंकि यूक्रेन-रूस जंग शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं ने अपनी आपूर्ति यूरोप की तरफ मोड़ दी थी। उस वक्त खुद अमेरिका ने भारत को इस तरह के कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया था, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर रह सके। उन्होंने आगे कहा कि भारत का रूस से तेल आयात करना भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थिर ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।
रूस के साथ व्यापार कर रहा यूरोपीय यूनियन
भारतीय विदेश मंत्रालय ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि केवल साल 2024 में यूरोपीय यूनियन (ईयू) और रूस के मध्य 67.5 अरब यूरो का वस्तु व्यापार हुआ। इससे पहले साल 2023 में 17.2 अरब यूरो का सेवाओं का व्यापार हुआ। ये उस वर्ष भारत और रूस के कुल व्यापार से कहीं ज्यादा था। इसके साथ ही ईयू ने साल 2024 में रूस से करीब 16.5 मिलियन टन लिक्विड नेचुरल गैस आयात की जो कि 2022 से ज्यादा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यूरोपीय यूनियन और रूस के मध्य केवल ऊर्जा के साधनों का ही नहीं, बल्कि उर्वरक, खनिज उत्पाद, रसायन, लोहा-इस्पात और ट्रांसपोर्ट उपकरण का व्यापार भी होता है।
रणधीर जायसवाल ने अमेरिका और रूस के बीच व्यापार को लेकर बताया कि अमेरिका परमाणु ऊर्जा के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड और इलेक्ट्रोनिक व्हीकल के लिए पैलेडियम समेत उर्वरक और रसायन भी आयात करता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को इस तरह से निशाना बनाया गलत है। एक प्रमुख अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत हमेशा अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा।
Created On :   5 Aug 2025 3:10 AM IST