Japan Tsunami: जापान में सुनामी का अलर्ट हुआ जारी, जानें कैसे और कितनी देर पहले एक्टिवेट होता है वॉर्निंग सिस्टम?

जापान में सुनामी का अलर्ट हुआ जारी, जानें कैसे और कितनी देर पहले एक्टिवेट होता है वॉर्निंग सिस्टम?
  • रूस में आया 8.8 की तीव्रता से भूकंप
  • रूस के साथ अमेरिका, जापान और अन्य जगहों पर सुनामी का जारी हुआ अलर्ट
  • जापान के तटों पर बड़ी-बड़ी लहरें आईं नजर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के सुदूर पूर्वी कमचटका प्रायद्वीप पर बुधवार (30 जुलाई) को 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया है। इस भूकंप के चलते ही प्रशांत महासागर के क्षेत्र में हलचल मच गई है। ये भूकंप इतना ज्यादा तेज था कि कई देशों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। उन देशों में अमेरिका, जापान, न्यूजीलैंड, इक्वाडोर, अलास्का के साथ अन्य हवाई जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इस भूकंप के चलते ही रूस, जापान, अमेरिका, न्यूजीलैंड की तरह तटीय क्षेत्रों में सुनामी की ऊंची-ऊंची लहरे देखने को मिल रही हैं। यहां के लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है और चेतावनी जारी की है। जापान में 16 जगहों पर 1.3 फीट तक ऊंची सुनामी की लहरें देखने को मिली हैं। अधिकारियों की तरफ से सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि सुनामी वॉर्निंग सिस्टम कैसे और कितनी देर पहले काम करता है।

क्या होती है सुनामी?

सुनामी के बारे में जानें तो ये शब्द जापानी मछुआरों ने चुना है जो कि ऊंची विनाशकारी लहरें होती हैं। ऐसा कई बार होता था कि समुद्र में ज्यादा हलचल ना होने के बाद भी बंदरगाहों पर तबाही मची होती थी। इसलिए ही वहां के मछुआरों ने सुनामी नाम दिया था, ये शब्द सु और नामी से मिलकर बना है। जिसमें सु का मतलब है बंदहरगाह और नामी का मतलब लहरें होता है। सुनामी में बहुत ही ऊंची-ऊंची लहरें आती हैं, जो कि बहुत ही ज्यादा 500 किमी लंबी होती हैं। सुनामी लंबी अवधि की तरंगें होती हैं, जिनकी समय सीमा 10 मिनट से दो घंटे तक की हो सकती है।

कैसा जारी होता है सुनामी का अलर्ट?

सुनामी के अलर्ट के बारे में जानें तो, महासागरों में ज्यादा तेज भूकंप आने के बाद सुनामी का वॉर्निंग सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है। इसके बाद ही इस बात की जांच की जाती है कि सुनामी आएगी या नहीं आएगी। दुनियाभर में सुनामी के अलर्ट को लेकर अलग तरह की व्यवस्थाएं होती हैं। प्रशांत महासागर में सुनामी का अलर्ट अमेरिका जारी करता है। वहीं, हिंद महासागर में सुनामी की जिम्मेदारी भारत, जापान और इंडोनेशिया जैसे देशों की होती है।

वॉर्निंग सिस्टम का क्या मतलब है?

हालांकि, सुनामी की तीव्रता और उसके आने का समय कोई नहीं बता सकता है। लेकिन पुर्वानुमान लगाए जा सकते हैं और उसको रोका जा सकता है। कुछ तकनीकें तैयार हो गई हैं, जिनकी मदद से करीब एक घंटे पहले ही सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया जाता है।

डार्ट कैसा करता है काम?

डार्ट का मतलब डीप ओशएन एसेसमेंट एंड रिपोर्टिंग ऑफ सुनामी है। इसका विकास हो गया है, जिससे सुनामी की चेतावनी में बहुत ही ज्यादा सुधार आया है। पहली बार 2000 में इसको शुरू किया गया था। डार्ट प्रणाली की मदद से सुनामी की चेतावनी की जानकारी देने के लिए बॉटम प्रेशर रिकॉर्डर और समुद्री लहरों पर तैरती हुई एक मशीन रखी जाती है। बीपीआर गहरे पानी में आंकड़े और सूचनाएं भेजी जाती हैं। इस डिवाइस से मिले आंकड़े या सूचनाओं को जियोस्टेशनरी ऑपरेशनल इंवायरमेंटल सैटेलाइट डाटा कलेक्शन सिस्टम तक भेजा जाता है। यहां से एक भूकेंद्र पर आंकड़ें पहुंचाए जाते हैं और उनको राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन की मदद से सुनामी केंद्र को भेजा जाता है। फिर कंप्यूटर में सुनामी की स्पीड और डायरेक्शन को देखा जाता है। इसके बाद ही सूचनाएं आम जनता के साथ साझा की जाती हैं।

Created On :   30 July 2025 2:59 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story