सर्वोच्च अदालत: भारत के अगले सीजेआई के तौर पर न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई आज पद संभालेंगे

- बीते माह की 30 तारीख को कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई की नियुक्ति की थी
- वे देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे
- जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के अगले प्रधान न्यायाधीश यानी कि सीजेआई के तौर पर न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई बुधवार को पद संभालेंगे। आपको बता दें बीआर गवई के तौर पर आज देश को पहला बौद्ध मुख्य न्यायाधीश मिलने जा रहा है। वे देश के 52वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। वे अनुसूचित जाति के दूसरे न्यायाधीश होंगे जो सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन होंगे।
कानून मंत्रालय ने बीते माह की 30 तारीख को जस्टिस गवई की भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी। वहीं, 16 अप्रैल को सीजेआई खन्ना ने केंद्र सरकार से उनके नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस संजीव का कार्यकाल 13 मई को समाप्त हो गया है, वहीं जस्टिस गवई का कार्यकाल 6 महीने का होगा। वो 23 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे। आज उनका शपथ ग्रहण समारोह है।
न्यायमूर्ति गवई का न्यायिक विरासत को नई दिशा देंगे, क्योंकि इससे पहले उन्होंने कई संवेदनशील और संवैधानिक मामलों पर महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। उन्होंने बुलडोजर एक्शन की कड़ी आलोचना और उससे निपटने के सख्त दिशा-निर्देश दिए। संविधान पीठ सदस्य के रूप में न्यायमूर्ति गवई कई अहम फैसलों के हिस्सा रह चुके हैं जो ऐतिहासिक बने।
सीजेआई गवई का परिचय
24 नवंबर 1960 को उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। उन्होंने 16 मार्च 1985 से अधिवक्ता की शुरुआत की। 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में स्वतंत्र वकालत किया। इसके बाद उन्होंने नागपुर बेंच में वकालत पर फोकस किया। 1992–1993 तक नागपुर बेंच में सरकारी वकील रहे। जनवरी 2000 में न्यायमूर्ति गवई को नागपुर बेंच के लिए पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनाया गया। 14 नवंबर 2003 को उनको बॉम्बे हाईकोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त किया गया। 12 नवंबर 2005 को स्थायी जज बने. 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किए गए। टॉप कोर्ट के वेबसाइट मुताबिक, बीते छह सालों में गवई 700 से अधिक बेंचों में शामिल हुए, लगभग 300 फैसलों के लेखक रहे।
Created On :   14 May 2025 8:54 AM IST