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कोरोनावायरस: अमृतसर में मिले दो मरीज, भारत में 34 हुई पीड़ितों की संख्या

हाईलाइट
- पंजाब के अमृतसर में दो मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव
- जम्मू-कश्मीर में कोरोना के 2 संदिग्ध मामले
- कश्मीर में 31 मार्च तक प्राथमिक स्कूल बंद करने का आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के दो और राज्य में कोरोनावायरस ने दस्तक दे दी है। शनिवार को पंजाब के अमृतसर में कोरोना के दो मरीज पाए गए हैं। अमृतसर के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट रमन शर्मा ने बताया, ये दोनों लोग 3 मार्च को दिल्ली से फ्लाइट के जरिए यहां आए थे। एयरपोर्ट से सीधे अमृतसर के एक अस्पताल में इन्हें दाखिल करवाया गया। जानकारी के मुताबिक ये दोनों युवक इटली से भारत पहुंचे थे।
कोरोनावायरस से पीड़ित दोनों युवक होशियारपुर के रहने वाले हैं। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली की लैब में इनके ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जहां से इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अब इनके सैंपल पुणे भेजे गए हैं। इन नए मामलों के साथ ही भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 33 पहुंच गया है। दरअसल अब तक देश में कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या 31 थी, पंजाब में दो मामलों की पुष्टि के साथ ही पीड़ितों की संख्या 34 हो गई है।
जम्मू-कश्मीर में कोरोना के दो संदिग्ध मिले
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा इस केन्द्रशासित प्रदेश को कोरोना मुक्त घोषित करने के एक दिन बाद ही यहां कोरोनावायरस के दो संदिग्ध मिले हैं। दोनों मरीजों की जांच से पता चला है कि उन्हें हाई वायरल है। अधिकारियों ने कहा, उनके कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका बहुत ज्यादा है। जम्मू के ये दोनों स्थानीय निवासी 4 मार्च को जांच के लिए अस्पताल गए थे, लेकिन जांच के नमूने लेने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। उन्होंने हाल ही में ईरान और दक्षिण कोरिया की यात्रा की थी।
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कोविड-19 की रोकथाम और नियंत्रण के लिए कोशिश जारी
जम्मू-कश्मीर के कोरोना वायरस नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉ. शफाकत खान ने बताया, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से उन दोनों संदिग्धों को कुछ ही घंटों में अस्पताल वापस लाया गया। दोनों ही संदिग्धों को जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन में रखा गया है। अधिकारियों ने कहा, उनकी हालत स्थिर है और सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। दोनों मामलों में अस्पताल में रुकने की सलाह के बाद भी संदिग्ध अस्पताल से चले गए थे, जिन्हें वापस लाया गया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन इस केन्द्रशासित प्रदेश में कोविड-19 की रोकथाम और नियंत्रण के लिए काफी काम कर रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जिन लोगों को आइसोलेटेड रहने की सलाह दी जाए, वे इसमें सहयोग करें।
जम्मू, सांबा में प्राथमिक विद्यालय बंद
कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 31 मार्च तक जम्मू और सांबा जिले में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सरकार ने 31 मार्च तक बायोमेट्रिक हाजिरी को भी रद्द कर दिया है। नियोजन, विकास, निगरानी के प्रमुख सचिव और जम्मू -कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने ट्वीट किया, जम्मू एवं कश्मीर में जम्मू व सांबा जिलों के सभी प्राथमिक विद्यालयों को 31 मार्च तक के लिए तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। सभी बायोमेट्रिक अटेंडेंस को भी यहां 31 मार्च तक के लिए रद्द कर दिया गया है।
कश्मीर में ही प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रहा प्रशासन
कश्मीर में कोरोनावायरस के संभावित मामलों से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। प्रशिक्षित कर्मचारी लामबंद हो गए हैं और सीओवीआईडी-19 के बढ़ते खतरे के मद्देनजर एक आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया है। डॉ. शफाकत ने कहा, जम्मू-कश्मीर में अभी तक 7 हजार मामलों की जांच की गई है। इनमें से 300 मामलों पर नजर रखी जा रही है। 27 मामलों को जांच के लिए दिल्ली भेजा गया है। प्रशासन समय की बचत को ध्यान में रखते हुए एक प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रहा है, ताकि जांच के लिए नमूनों को बाहर भेजने की आवश्यकता न पड़े और केंद्र शासित प्रदेश में ही परीक्षण किए जा सकें।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।