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दैनिक भास्कर हिंदी: ताजमहल पर हमारा हक : वक्फ, SC ने कहा- शाहजहां के दस्तखत लेकर आएं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड से शाहजहां के दस्तखत लाने को कहा है। दरअसल, कोर्ट में उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ताज महल पर मालिकाना हक जताते हुए दावा किया है कि मुगल बादशाह शाहजहां ने इसका मालिकाना हक बोर्ड को दिया था और इसके लिए शाहजहां ने वक्फनामा भी लिखा था। जिसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने बोर्ड से शाहजहां के दस्तखत वाले दस्तावेज लाने को कहा है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को एक हफ्ते का समय दिया है। बता दें कि ताज महल के मालिकाना हक को लेकर कई सालों से सुन्नी वक्फ बोर्ड और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के बीच विवाद चल रहा है।
आपके दावे पर कौन भरोसा करेगा : SC
यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ताज महल के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन फाइल की है। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वक्फ बोर्ड को शाहजहां के साइन किए हुए डॉक्यूमेंट्स लेकर आने को कहा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने बोर्ड से कहा 'आप वो दस्तावेज लेकर आएं, जिससे ये साबित हो कि ताजमहल आपकी संपत्ति है।' हालांकि बेंच ने ये भी कहा कि 'इस बात पर कौन भरोसा करेगा कि ताज महल वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। इस तरह के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का समय नहीं बर्बाद करना चाहिए।'
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बोर्ड ने क्या कहा था?
वक्फ बोर्ड की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट वीवी गिरी ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि 'ताज महल पर उनका मालिकाना हक है। इसके लिए शाहजहां ने ही बोर्ड के पक्ष में वक्फनामा तैयार करवाया था।' इसके बाद बेंच ने कहा कि आप हमें शाहजहां के साइन किए हुए डॉक्यूमेंट्स दिखा दें। इसके लिए कोर्ट ने बोर्ड को एक हफ्ते का समय दिया है।
शाहजहां जेल में था, तो साइन कैसे किए : SC
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने बोर्ड से सवाल करते हुए कहा कि 'शाहजहां वक्फनामा पर साइन कैसे किए, वो तो जेल में था और जेल के अंदर से ही ताज महल को देखता था।' कोर्ट ने कहा कि 'जब मुगल काल का अंत हुआ तो ताज महल समेत बाकी ऐतिहासिक इमारतों पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया। आजादी के बाद ये भारत सरकार के पास आ गया और अब ASI इसकी देखरेख करता है।'
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ASI का क्या है कहना?
वहीं वक्फ बोर्ड के इस दावे को ASI ने मानने से इनकार कर दिया है। ASI के वकील एडीएन राव ने कोर्ट से कहा कि 'वक्फ बोर्ड ने ताज महल को लेकर जो दावा किया है, वैसा कोई वक्फनामा है ही नहीं।' ASI का कहना है कि '1858 की घोषणा के मुताबिक, आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की संपत्तियों पर ब्रिटिश महारानी का हक हो गया था। जबकि 1948 के कानून के तहत ये स्मारकें अब भारत सरकार के पास हैं।'
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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