भास्कर एक्सक्लूसिव: वो 9 ठिकाने जहां भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया बड़ा हमला, आतंकियों के लिए कितना खास, जानें सबकुछ

- भारत ने 6 मई की रात में पाक आतंकियों पर किया बड़ा हमला
- पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को भारत ने बनाया निशाना
- ऑपरेशन सिंदूर के भारतीय सेना को मिली बड़ी कामयाबी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने 6 मई की रात को पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की। भारत ने पाकिस्तान और POK के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के ठिकाने शामिल हैं। इन जगहों पर भारत ने एयर स्ट्राइक की। यह हमला इतना खतरनाक था कि आतंकियों को संभलने तक का मौका नहीं मिला और देखते ही देखते कई इमारतें जमींदोज हो गईं। भारत की ओर से किए गए इस हमले में करीब 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं जबकि, कई घायल भी हुए हैं। इस हमले से पूरे पाकिस्तान की नींद उड़ गई है।
भारत की ओर से की गई इस कार्रवाई से पाकिस्तान में आने वाले दिनों में भी आतंकियों को रात में गहरी और चेन की नींद नहीं आ पाएगी और वह सुकून से नहीं सो पाएंगे। बता दें कि, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में छिपे म के ठिकानों पर सीधा हमला किया है। ये सब वहीं आतंकी संगठन है, जिन्होंने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। अब भारत ने उसके घर में घुसकर हमला किया है, जिसका उसे जरा सा भी अंदाजा नहीं था। आइए जानते हैं कि वो कौन से दहशतगर्द हैं, जो पाकिस्तान में रहकर भारत में आतंक फैलाने का काम कर रहे हैं।
हाफिज सईद
भारत के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द आतंकवादी हाफिज मोहम्मद सईद ने 1980 के दशक में लश्कर-ए-तैयबा की शुरुआत की थी। सईद का आतंकी अड्डा लाहौर से 30 किमी दूर मुरीदके में है। यह संगठन 'मरकज-ए-तैयबा' नाम से चलता है और दिखावे के लिए 'जमात-उद-दावा' नाम की चैरिटी संस्था चलाता है। हालांकि, यह एक आतंकवादी ट्रेनिंग सेंटर है।
लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी संगठन ने 2008 में हुए मुंबई हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की योजना, फंडिंग और ट्रेनिंग इसी संगठन से मिली थी। पाकिस्तान में हाफिज सईद खुलेआम घूमता है। हालांकि, भारत में उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं।
मसूद अजहर
साल 1999 में कंधार हाईजैक के बाद भारत के जेल में बंद मसूद अजहर की रिहाई हुई। जिसके बाद इसने पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद की नींव रखी। इस आतंकवादी संगठन को ISI, तालिबान और ओसामा बिन लादेन का समर्थन मिला।
जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में इन आतंकी हमले को दिया अंजाम
2000: जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला
2001: भारतीय संसद हमला
2016: पठानकोट एयरबेस पर हमला
2019: पुलवामा आत्मघाती हमला
इन सभी आतंकी हमले को अंजाम देने के बाद मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल आतंकी घोषित किया। लेकिन पाकिस्तान उसे खुली छूट दे रखा है। बता दें कि, 2019 के बाद से मसूद अजहर कभी सार्वजनिक मंच पर नहीं दिखा है।
9 जगहों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने किया बड़ा हमला
आतंकवादियों के खिलाफ भारत ने पाकिस्तान के 9 जगहों को टारेगट किया। यहां हमला ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया गया।
1. मरकज सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर (पाकिस्तान) -
जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय बहावलपुर में है। जहां से ये संगठन 2015 से सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसी ठिकाने के जरिए 14 फरवरी 2019 के पुलवामा हमले को अंजाम दिया गया था। जैश के बड़े आतंकवादी जैसे- मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर और मौलाना अम्मार यहीं अपना अड्डा बनाए हुए हैं। यहां से आतंकियों को हथियारों की ट्रेनिंग, धार्मिक कट्टरपंथ और भारत-विरोधी जिहादी सोच फैलाने का काम किया जाता है।
2. मरकज तैयबा, मुरीदके (पाकिस्तान) -
साल 2000 में नंगल सादन में बनाया गया लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य ट्रेनिंग सेंटर मुरीदके में है। यहां हर साल 1,000 से ज्यादा आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। ओसमा बिन लादेन ने इस जगह को तैयार करने में फंडिंग दी थी। बता दें कि, यहां मस्जिदों के साथ ट्रेनिंंग सेंटर बने हुए हैं। 26/11 मुंबई हमले के आतंकी के मुख्य आरोपी अजमल कसाब भी यही से ट्रेनिंग लेकर आया था। इसके अलावा डेविड हेडली, तहव्वुर राणा और अन्य साजिशकर्ताओं की आवाजाही भी यहां देखी गई हैं।
3. मरकज अब्बास, कोटली (PoJK)-
पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर मरकज अब्बास, कोटली जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना है। यहां इसे हाफिज अब्दुल शकूर उर्फ कारी जर्रार कंट्रोल करता है जोकि, मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर का करीबी माना जाता है। यहां करीब 100 से 125 आतंकियों को ट्रेनिंग मिलती है।
4. मस्कर रहील शहीद, कोटली (PoJK)-
हिज्बुल मुजाहिदीन का पाकिस्तान के मस्कर रहील शहीद के कोटली में सबसे पुराना और एक्टिव ट्रेनिंग कैंप है। यहां 150–200 आतंकियों को ट्रेनिंग मिलती है। यहीं से आतिकयों को हथियारों की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही, आतंकियों को हिज्बुल मुजाहिदीन स्नाइपर, बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) और पहाड़ी इलाकों में लड़ने की स्पेशल ट्रेनिंग भी देता है।
5. सरजाल/तेहरा कलां लॉन्चिंग सेंटर (नारोवाल, पाकिस्तान) -
नारोवाल के सरजाल/तेहरा कलां लॉन्चिंग सेंटर में जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा है। यहां से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराई जाती है। बता दें कि, इस प्राइमरी हेल्थ सेंटर के जरिए आतंकी घटना को अंजाम दिया जाता है। यह भारत-पाक सीमा से महज 6 किलोमीटर दूर सांबा सेक्टर में है। यहां से सुरंगें खोदकर भारत में हथियार और ड्रोन के जरिए ड्रग्स भेजने का काम किया जाता है।
6. महमूना जोया ठिकाना, सियालकोट (पाकिस्तान)-
सियालकोट के महमूना जोया ठिकाना से हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन चलता है। यह एक सरकारी स्कूल से चलता है। इस ठिकाने का इस्तेमाल जम्मू में घुसपैठ और हथियार चलाने की ट्रेनिंग के लिए किया जाता है। इसकी कमान हिजबुल के कमांडर मोहम्मद इरफान खान उर्फ इरफान टांडा के हाथ में है। यहां 20–25 सक्रिय आतंकी मौजूद रहते हैं।
7.. मरकज अहले हदीस बरनाला, भिंबर (PoJK)-
भिंबर के बरनाला कस्बे के पास से लश्कर पुंछ, राजौरी और रियासी सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ कराता है। यहां से हथियारों की तस्करी भी होती है। इस ठिकाने पर 100 से 150 आतंकियों के रहते हैं। इसे लश्कर के नेता कासिम गुज्जर, कासिम खांडा और अनस जर्रार की ओर से चलाया जाता है।
8. मरकज सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद (PoJK)-
यह जैश-ए-मोहम्मद का मुजफ्फराबाद के मरकज सैयदना बिलाल में एक अहम ठिकाना है। यह मुजफ्फराबाद के लाल किले के सामने मौजूद है। यहां हर वक्त 50–100 जैश आतंकी मौजूद रहते हैं। इसे मुफ्ती असगर खान कश्मीरी कंट्रोल करता है। भारत से भागा आतंकी आशिक नेंगरू भी यही रहता है। बताया जाता है कि पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) कमांडो यहां पर आतंकियों को एडवांस्ड कॉम्बैट ट्रेनिंग देता है।
9. शवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद (PoJK)-
भारत ने मुजफ्फराबाद में भी अटैक किया है। यहां लश्कर का बड़ा रिक्रूटमेंट और ट्रेनिंग सेंटर शवाई नाला कैंप है, जिसे ‘बैत-उल-मुजाहिदीन’ भी कहा जाता है। ‘दौरा-ए-आम’ नाम की ट्रेनिंग भी यही दी जाती है। इसके तहत धार्मिक ब्रेनवॉश के साथ हथियार चलाने की प्रैक्टिस करवाई जाती है। बताया जाता है कि इस जगह पर पाकिस्तानी ISI और सेना खुद हथियारों की ट्रेनिंग देते हैं। यहां भी करीब 200–250 आतंकियों ट्रेनिंग दी जाती है। यहां से तैयार हुए आतंकियों को उत्तरी कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए तैयार किया जाता है।
Created On :   7 May 2025 7:19 PM IST