'पति पर झूठे आरोप लगाना गलत, धमकी देने वाली पत्नी के साथ रहना खतरनाक'

false allegation of illegal relation causes mental agony to husband says Delhi High Court
'पति पर झूठे आरोप लगाना गलत, धमकी देने वाली पत्नी के साथ रहना खतरनाक'
'पति पर झूठे आरोप लगाना गलत, धमकी देने वाली पत्नी के साथ रहना खतरनाक'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कपल की डायवोर्स पिटीशन पर सुनवाई करते हुए कहा है कि "पति पर किसी दूसरी महिला से अवैध संबंधों के झूठे आरोप लगाना पूरी तरह गलत है। इससे पति का मानसिक उत्पीड़न होता है।" इसके साथ ही कोर्ट ने कपल को डायवोर्स पिटीशन को मंजूरी देते हुए ये भी कहा कि "अगर कोई पत्नी बार-बार अपने पति को सुसाइड करने की धमकी दे रही है। तो ऐसे हालातों में दोनों का साथ रहना भी खतरनाक है।" बता दें कि दिल्ली की एक फैमिली कोर्ट ने इस कपल के डायवोर्स को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद पत्नी ने हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ पिटीशन फाइल की थी। 

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा? 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस दीपा शर्मा की बेंच ने इस कपल की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए कहा कि "हमने पाया है कि अवैध संबंधों के झूठे आरोप पति के लिए मानसिक पीड़ा और तकलीफ का कारण बनते हैं। ऐसे आरोप गंभीर होते हैं और इनसे रिश्तोंं में दरार ही आती है।" बेंच ने आगे कहा कि "इस तरह के झूठे आरोपों से पति को ठेस पहुंचती है। साथ ही ये डर भी पैदा होता है कि ऐसी पत्नी के साथ रहना उसके लिए खतरनाक होगा। खासकर तब जब वो बार-बार सुसाइड करने की धमकी देती हो।"

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कपल को मिला तलाक

दरअसल, पति ने दिल्ली की एक फैमिली कोर्ट में डायवोर्स पिटीशन फाइल की थी। पति का आरोप था कि उसकी पत्नी उस पर झूठे आरोप लगाती है और उसके मां-बाप के साथ पिटाई करती है। जिसके बाद फैमिली कोर्ट ने पति की दलीलों को मानते हुए दोनों को डायवोर्स की मंजूरी दे दी थी। फैमिली कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पत्नी ने हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल की, जहां उसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने भी फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए दोनों को डायवोर्स की मंजूरी दे दी।

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क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, साल 2008 में इस कपल की दिल्ली में शादी हुई थी। शादी के 2 साल बाद दोनों का एक बेटा भी हुआ, लेकिन बाद में दोनों के रिश्तों में खटास आने लगी। इसके बाद पति-पत्नी दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव होने लगा। जिसके बाद पति ने फैमिली कोर्ट में पिटीशन फाइल कर पत्नी पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए डायवोर्स की मांग की। लंबी सुनवाई के बाद अक्टूबर 2017 को फैमिली कोर्ट ने डायवोर्स को मंजूरी दे दी और अब हाईकोर्ट ने भी इस फैसले पर मुहर लगा दी।

पति ने क्या लगाए थे आरोप?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पति ने कोर्ट में फाइल की गई पिटीशन में पत्नी पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा था कि "उसकी पत्नी न सिर्फ छोटी-छोटी बातों पर उससे झगड़ा करती है बल्कि उसकी मां और भाभी से भी लड़ाई करती है।" पति ने ये भी आरोप लगाया था कि "उसकी पत्नी घर से परिवार के बाकी लोगों को बाहर निकालना चाहती है और कोई काम नहीं करती है। इसके साथ ही उसकी पत्नी बार-बार उसे सुसाइड करने की भी धमकी देती है।"

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पत्नी ने क्या लगाए थे आरोप? 

वहीं पत्नी ने अपने पति पर अवैध संबंध के आरोप लगाए थे। पत्नी का कहना था कि "उसके पति का दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध है। इसलिए उससे छुटकारा पाने के लिए पति उस पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।" पत्नी का ये भी कहना था कि "जब उसने अपने पति और महिला के बीच अवैध संबंधों के खिलाफ आवाज उठाई तो उसे घर से बाहर करने के लिए सब एक हो गए।"

Created On :   5 March 2018 7:15 AM GMT

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