Bihar Politics: बिहार में बीजेपी को लगा बड़ा झटका, विधायक मिश्रीलाल यादव की विधायिकी हुई खत्म, मारपीट के मामले में पाए गए थे आरोपी

- बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ दिनों का समय बाकी
- बीजेपी विधायक की सदस्यता हुई खत्म
- विधानसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिनों का समय बचा हुआ है। इस बीच सत्ताधारी गठबंधन एनडीए में शामिल बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। दरभंगा की एक विशेष कोर्ट ने मारपीट के पुराने मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। इसी साल 25 मई 2025 को आए इस फैसले के आधार पर बिहार विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता समाप्त करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
दरअसल, साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मिश्रीलाल ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव जीतने के कुछ समय बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। दोषी करार दिए जाने और सजा मिलने की वजह से उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की गई है।
क्या है पूरा मामला?
मामला जनवरी 2019 का है, जब समैला गांव के उमेश मिश्रा ने विधायक और उनके साथी सुरेश यादव पर मारपीट और जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और फरवरी में अदालत ने दोनों को तीन महीने की जेल की सजा और 500 रुपये का जुर्माना लगाया था।
विधायक मिश्रीलाल ने कोर्ट के इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन पीड़ित उमेश मिश्रा ने भी सजा बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। ऊपरी अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए मिश्रीलाल और उनके सहयोगी की सजा बढ़ाकर दो साल कर दी थी। साथ ही जुर्माने की रकम को भी बढ़ाकर 1 लाख कर दिया था।
इस अधिनियम के तहत गई सदस्यता
संविधान के अनुच्छेद 191 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अगर किसी विधायक पर आरोप सिद्ध होता है तो उस स्थिति में विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। मिश्रीलाल यादव के आरोपी साबित होने पर विधानसभा सचिवालय ने इसी अधिनियम के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म होने की अधिसूचना जारी की।
Created On :   20 Jun 2025 9:53 PM IST