Kamal Nath Vs Digvijay Singh: कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह पर उनके बयान को लेकर साधा निशाना, बोले - 'पुरानी बातों को उखाड़ने से कोई फायदा नहीं'

कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह पर उनके बयान को लेकर साधा निशाना, बोले - पुरानी बातों को उखाड़ने से कोई फायदा नहीं
  • कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के बयान पर साधा निशाना
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत से गिर गई थी कमलनाथ सरकार

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पुरानी बातों को उखाड़ने से कोई फायदा नहीं है। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि मध्य प्रदेश में साल 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं।

उन्होंने आगे कहा कि लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिराई।

बता दें कि साल 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी और राज्य की कमान तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को मिली, लेकिन 15 महीने बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर दी और अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली। सिंधिया के जाने से कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए।

उस वक्त सियासी गलियारों में चर्चा थी कि दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया की लड़ाई की वजह से कांग्रेस की सरकार गिर गई। दिग्विजय सिंह ने इन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि सच्चाई यह नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही चेता दिया था कि ऐसी घटना हो सकती है। उन्होंने एक बड़े उद्योगपति के घर पर हुई डिनर पार्टी का जिक्र करते हुए कहा कि इस डिनर पार्टी में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए थे। उनसे दोनों के अच्छे संबंध थे। मैं खुद उनके पास जाकर कहा था कि जरा संभालिए, कहीं दोनों की लड़ाई में सरकार न गिर जाए। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने अपने घर पर डिनर का आयोजन किया, जिसमें मैं, कमलनाथ और सिंधिया थे। इस बैठक में सभी समस्याओं की एक सूची बनी, जिस पर मैंने भी हस्ताक्षर किए थे, लेकिन इस सूची का पालन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ये बात सत्य है कि उनके प्रयासों के बाद भी कांग्रेस की सरकार नहीं बच पाई। उनका ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पिता माधवराव सिंधिया से कोई विवाद नहीं था।

Created On :   25 Aug 2025 2:28 AM IST

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