भारत जोड़ो न्याय यात्रा: झारखंड में मजदूरों से राहुल की गुफ्तगू, चलाई कोयला लदी साइकिल, बोले - 'इनके बिना रुक जाएगा भारत निर्माण का पहिया'

झारखंड में मजदूरों से राहुल की गुफ्तगू, चलाई कोयला लदी साइकिल, बोले - इनके बिना रुक जाएगा भारत निर्माण का पहिया
  • झारखंड से गुजर रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा
  • रामगढ़ में मजदूरों से मिले राहुल गांधी
  • कोयला लदी साइकिल की करी सवारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर से शुरू हुई कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इस समय झारखंड से गुजर रही है। अपनी इस यात्रा के तहत राहुल रांची पहुंचे हुए हैं। कांग्रेस नेता की यात्रा झारखंड में दो फरवरी को पाकुड़ से शुरू हुई थी। इसके बाद वह देवघर, धनबाद और बोकारो होते हुए रामगढ़ पहुंचे जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। आज यानी 5 फरवरी को उनकी यात्रा रामगढ़ से राजधानी रांची पहुंची।

रामगढ़ से रांची जाने के दौरान राहुल चुट्टूपालू घाटी स्थिति फांसी स्थल भी पहुंचे। यहां उन्होंने शहीद टिकैत उमरांव सिंह व शेख भिखारी को उन्होंने श्रृद्धांजलि दी। उन्होंने दोनों शहीदों को माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इसी क्रम में कांग्रेस नेता ने घाटी में साइकिल पर कोयला ले जा रहे मजदूरों से बात की और उनकी आय के बारे में जाना। इसके साथ ही राहुल ने उनकी कोयला लदी साइकिल को कुछ देर चलाया भी।

राहुल ने अपनी इस मुलाकात की तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया 'एक्स' अकाउंट से शेयर किया है। जिसमें वो मजदूरों से बात करते और उनकी साइकिल चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'साइकिल पर 200-200 किलो कोयला लेकर रोज 30-40 किलोमीटर चलने वाले इन युवाओं की आय नाम मात्र है। बिना इनके साथ चले, इनके भार को महसूस किए, इनकी समस्याओं को नहीं समझा जा सकता। इन युवा श्रमिकों की जीवनगाड़ी धीमी पड़ी, तो भारत निर्माण का पहिया भी थम जाएगा।'

सार्वजनिक क्षेत्रों को खत्म कर रही मोदी सरकार

रांची के शहीद मैदान में आयोजित जनसभा में राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार धीरे-धीरे सार्वजनिक क्षेत्र को खत्म कर रही है। केंद्र सरकार चाहती है कि एचईसी काम न करे और आने वाले दिनों में वे इसका नाम बदलकर अडानी का नेमप्लेट लगा देंगे। वे इसका निजीकरण करना चाहते हैं। मैं जहां भी जाता हूं, मुझे पीएसयू के लोग हाथों में पोस्टर लेकर खड़े दिखते हैं। चाहे बीएचईएल हो, एचएएल हो या एचईसी सभी को धीरे-धीरे अडानी के हवाले किया जा रहा है।"

Created On :   5 Feb 2024 11:00 AM GMT

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