ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर मरीज को नदी पार कराया, नदी में बाढ़ होने से गांव तक नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस, ग्रामीणों ने जताया आक्रोश

ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर मरीज को नदी पार कराया, नदी में बाढ़ होने से गांव तक नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस, ग्रामीणों ने जताया आक्रोश
  • ग्राम पंचायत राखीकोल के ग्राम बर्रा ढाना की घटना
  • कच्चे रास्ते से आवागमन होता है मुश्किल
  • ग्रामीणों ने की रिपटे की मांग

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/ दमुआ। आजादी के 75 साल बाद भी जिले आदिवासी अंचल के कई गांवों तक पहुंचमार्ग नहीं बन पाए हैं। यहां जरा सी बारिश होते ही गांव के कच्चे रास्तों पर चलना दूभर हो जाता है तो वहीं नदी नालों में तेज बहाव के कारण गांव तक वाहनों का पहुंचना मुश्किल हो जाता है। बुधवार को जुन्नारदेव विकासखंड से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी स्थित ग्राम पंचायत राखीकोल के ग्राम बर्रा ढाना में एक मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीण ने जान जोखिम में डालकर नदी पार कराई।

राखीकोल ग्राम पंचायत मुख्यालय से लगभग 4 किमी दूरी पर स्थित बर्राढाना में लगभग 35 मकान हैं। यह गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। राखीकोल और बर्राढाना के बीच एक बरसाती नदी है। ठंड और गर्मी में यहां ग्रामीण कच्चे रास्ते से आवागमन करते हैं। बारिश में स्कूली बच्चों को स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र तक पहुंचना मुश्किल होता है। मरीज और गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करना होता है। बारिश में यहां 108 एंबुलेंस और जननी सुरक्षा एक्सप्रेस का लाभ मिल पाता है।

पूर्व में यहां से नदी पार करने का प्रयास करते समय मृत्यु भी हो चुकी है। ग्रामीणों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा कई बार सर्वे भी कराए जा चुके हैं, लेकिन आज तक सड़क और पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया। बुधवार को बर्राढाना निवासी सुमर शाह लोबो का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया। हालत गंभीर होने पर परिजनों ने 108 पर काल कर सूचना दी। नदी में पानी ज्यादा होने के कारण 108 वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाया। ऐसे में ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर मरीज को नदी पार कराया। उन्हें दमुआ अस्पताल से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में भी विकास यात्रा के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी समस्याओं को अवगत कराया था। इसके बाद कोई भी अधिकारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं आया। बर्राढाना के ग्रामीण एकमात्र रिपटे के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द रिपटे का निर्माण कार्य कराया जाए ताकि भविष्य में ऐसी परेशानी न हो।

Created On :   20 July 2023 4:29 PM IST

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