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Amravati News: अमरावती के किसानों को चौपट फसलों के लिए 27.43 करोड़ का मरहम

- अप्रैल-मई में हुई बेमौसम बारिश से बर्बाद हुई फसलों को मुआवजा
- सोयाबीन पर इल्ली का प्रकोप
Amravati News जिले में इस वर्ष अप्रैल व मई माह में हुई बेमौसम बारिश से प्याज, तिल, मूंग, ज्वार , सब्जी समेत अन्य फसलों का भारी नुकसान हुआ था। जिसके लिए 27 करोड़ 43 लाख 64 हजार रुपए का फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा सरकार ने मंजूर किया है।
राजस्व व वन मंत्रालय ने संबधित राशि वितरण को मंजूरी प्रदान की है। जिसमें अमरावती संभाग में बर्बाद फसल के लिए 66.19 करोड़ रुपये फसल क्षतिपूर्ति किसानों में वितरित करने की प्रकिया प्रशासन ने शुरू की है। जिले में अप्रैल और मई के महीने में अतिवृष्टि के कारण कई राजस्व मंडलों में प्याज, तिल, मूंग, ज्वार एवं सब्जी समेत अन्य फसलों का व्यापक नुकसान हुआ। किसानों के इस संकट की गंभीरता को देखते हुए संभागीय आयुक्त के माध्यम से नुकसानग्रस्त क्षेत्रों के तत्काल पंचनामे करवाकर नुकसान के प्रस्ताव शासन को भेजे गए। इसके बाद हाल ही में संपन्न विधानमंडल के मानसून सत्र में सरकार ने 33 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान वाले किसानों को सहायता देने की घोषणा की थी। अब अधिवेशन के उपरांत संबंधित निर्णय लेकर सरकार ने नुकसान ग्रस्त किसानों को राहत पहुंचाई है।
राज्य शासन ने इस संदर्भ में अधिकृत शासन निर्णय भी जारी कर दिया है, जिससे प्रभावित किसानों को मुआवजा प्राप्त होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। तिवसा के विधायक राजेश वानखडे ने खेतों में पहुंचकर नुकसानग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और प्रशासन से तत्काल पंचनामे करवाकर नुकसान के प्रस्ताव शासन को भेजने कहा था। इसके बाद हाल ही में विधानमंडल के मानसून सत्र में विधायक वानखडे ने यह मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया और किसानों को नुकसान भरपाई की मांग की थी।
सोयाबीन पर इल्ली का प्रकोप : अमरावती जिले में इस वर्ष खरीफ सीजन की बुआई में बदलाव देखा जा रहा है। मक्का की बुआई में हुई अभूतपूर्व बढ़ोतरी के चलते सोयाबीन का रकबा कुछ हद तक घट गया है। हालांकि जिले में अब भी 2 लाख 44 हजार 554 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई हुई है। वर्तमान में सोयाबीन की फसल की बढ़ोतरी संतोषजनक है, लेकिन धामणगांव रेलवे, तिवसा, चांदुर रेलवे, नांदगांव खंडेश्वर और अमरावती तहसील में हुमणी इल्ली के बढ़ते प्रकोप ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इस पर नियंत्रण के लिए कृषि विभाग ने विशेषज्ञों से तत्काल राय मांगी है। जिला कृषि अधीक्षक राहुल सातपुते के अनुसार, कपास, धान, ज्वार व तुअर जैसी अन्य प्रमुख फसलें अब तक रोगमुक्त हैं और इनकी वृद्धि भी समाधानकारक है।
कपास के रकबे में 3129 हेक्टेयर की बढ़ोतरी: जिले में कपास की फसल का अनुमानित क्षेत्रफल 2 लाख 68 हजार 471 हेक्टेयर है। इस वर्ष अब तक 2 लाख 39 हजार 776 हेक्टेयर में कपास की बुआई हो चुकी है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कपास के क्षेत्र में 3129 हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है। अच्छी बात यह है कि अब तक कपास पर किसी भी रोग का असर नहीं है और फसल की स्थिति भी संतोषजनक बनी हुई है।
Created On :   26 July 2025 3:20 PM IST