Amravati News: अमरावती में बारिश और नमी से फल की जगह फूट रहीं हैं कोंपलें

अमरावती में बारिश और नमी से फल की जगह फूट रहीं हैं कोंपलें
  • अचलपुर तहसील के 15 हजार हेक्टेयर के संतरा बागों पर संकट
  • संतरा उत्पादन को पूरी तरह चौपट कर सकती है

Amravati News पिछले दो सप्ताह से लगातार बारिश और गिरते तापमान ने अचलपुर तहसील के संतरा उत्पादक किसानों को गहरे संकट में डाल दिया है। क्षेत्र की लगभग 15 हजार हेक्टेयर में फैले संतरा बागानों में अब ‘नवती’ यानी नये अंकुर (कोंपलें) निकलनी शुरू हो गई हैं, जो मृग बहार के संतरा उत्पादन को पूरी तरह चौपट कर सकती हैं। यह स्थिति किसानों के लिए भविष्य में भारी आर्थिक नुकसान का संकेत दे रही है। तहसील में परंपरागत रूप से अंबिया बहार (गर्मी के मौसम में लगने वाली फसल) से ही मुख्य उत्पादन होता है, लेकिन इस वर्ष फरवरी-मार्च में भारी मात्रा में फलों का झड़ना हुआ।

इससे पहले ही अंबिया बहार का उत्पादन अपेक्षाकृत बहुत कम रहा, अब मृग बहार से उम्मीद लगाए किसानों को भी मौसम ने धोखा दिया है। मई-जून माह में बागानों को पानी बंद कर पेड़ों को तनाव देने की प्रक्रिया के बाद फलों का बहार आना चाहिए था, लेकिन बारिश और नमी के चलते अधिकांश बागानों में फलों की बजाय नये अंकुर फूट आए हैं।

सरकार से मदद की गुहार:“दोनों बहारें इस बार असफल रहीं, खर्चा कम नहीं हुआ बल्कि महंगाई ने और बढ़ा दिया। ऐसे में सरकार को हेक्टेयर के हिसाब से 50 हजार रुपए सहायता देना चाहिए, तभी किसान बच पाएंगे।” - नामदेवराव तनपुरे, संतरा किसान, घोडगांव

सर्वेक्षण की मांग : राजस्व और कृषि विभाग को इस संकट पर तत्काल सर्वे करना चाहिए। यह एक प्राकृतिक आपदा है जिसने किसानों की कमर तोड़ दी है। सरकार को तुरंत राहत उपाय घोषित करने चाहिए। - विजय बेलसरे, संतरा किसान अंबाडा

पहली बार ऐसा संकट : मई माह में संतरा पेड़ों का बारिश में नुकसान होने का यह पहला मौका है। लगातार पांच वर्षों से नैसर्गीक आपदा के कारण संतरा किसान हताश है। कृषि विभाग को प्रबोधन करने की आवश्यकता है। - ताराचंद घुलक्षे, सर्फापुर


Created On :   28 May 2025 6:21 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story