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Amravati News: अमरावती में 5883 जलस्रोतों की जांच : खतरे में 231 ग्रापं के लोगों का जीवन

- शिंदी बु. ग्राम पंचायत का पानी दूषित
- 85 बोरवेल की पाइप लाइन गटर के नीचे
- साल में दो बार होता है सर्वे
Amravati News जिला परिषद के स्वास्थ विभाग की ओर से जिले की कुल 836 ग्रामपंचायत क्षेत्र में की गई पेयजल की व्यवस्था सही से है या नहीं, ग्रामीणों को जो पेयजल मिल रहा है वह शुध्द है या अशुध्द इसका पता लगाने साल में दो बार यानी मानसून पूर्व और मानसून के बाद जलस्त्रोतों की स्वच्छता का सर्वेक्षण किया जाता है। 2025 में मानसून पूर्व हुये जलस्त्रोतों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट से ग्रामीण क्षेत्रों में सनसनी मची है। जिसमे अचलपुर तहसील के तहत आनेवाली शिंदी बु. ग्रामपंचायत क्षेत्र में रहनेवाले लोग दूषित पानी पीते हैं। इस गांव में 85 बोअरवेल जिसकी पाईप लाईन गांव में बहनेवाले गटर के नीचे से गई हुई है।
साथ ही जिले की 836 ग्रामपंचायतों के तहत आनेवाले 1538 गांव के 5883 जलस्त्रोतों की जांच करने पर 231 गांव का पानी खतरे की कगार पर है। यहां का स्त्रोंत नहीं सुधारा गया तो यहां भी दूषित जलापूर्ति की संभावना जताई गई। ऐसे गांव की नोंद एलो कार्ड में प्रस्तावित है। जो गांव तीव्र जोखिम में नोंद किए गए उन्हे रेड कार्ड दिया गया। जिसमें शिंदी बु. का समावेश है। वही 604 गांव का पानी स्वच्छ रहने से इन गांव को ग्रीन कार्ड प्रस्तावित किया गया है।
इस तरह किया जाता है जलस्त्रोंत सर्वेक्षण : जिले के ग्रामपंचायत क्षेत्र के लोग जो पानी पीते है उनके लिए उपलब्ध पेयजल व्यवस्था के जलस्त्रोंत की साल में दो बार जांच होती है। जिले के 14 तहसील मंे 836 ग्रामपंचायत है। उसके अंतर्गत आनेवाले गांव की संख्या 1538 है। जिप का स्वास्थ विभाग यह जलस्त्रोंत सर्वेक्षण करता है।
जलस्त्रोतों से सैम्पल लेने के बाद जहां का जलस्त्रोंत 70 प्रतिशत से ज्यादा बाधीत है वह ग्रीन कार्ड में आता है। जहां का जलस्त्रोंत की जांच में वह 30 से 65 प्रतिशत बाधित है। वह ऐलो कार्ड में आता है और 5 से 25 प्रतिशत बाधीत जलस्त्रोंत ग्रीन कार्ड में आते है। जो गांव रेड कार्ड में है उसे मानसून से पहले ऐलो में लाना जरुरी है और जो यलो में है उसे ग्रीन कार्ड में लाना जरूरी रहता है।
जलसत्रोत में सुधार के दिए हैं निर्देश : कई जगहों पर गौपालक जहां जलस्त्रोंत है याने गांव में जहां कु़आं, बोरवेल है वहीं से कुछ दूरी पर खाद जमा करते है। कई जगह बहते पानी के नीचे से पाईप लाईन गई है। पाईप लाईन लिकेंज होने पर गटर का पानी घर तक पहुंचता है। जिससे जल दूषित होता है। इस कारण जो गांव रेड और ऐलो कार्ड में है। वहां के जलस्त्रोंत सुधार लाने के निर्देश दिए है और गांववासियों में जनजागृति करने के लिए कहा गया है। -डॉ. सुरेश आसोले, जिला स्वास्थ अधिकारी
Created On :   23 May 2025 2:31 PM IST