समस्या: फसल कर्ज की प्रक्रिया सरल बनाए सरकार, परेशान हो रहे किसानों ने की मांग

फसल कर्ज की प्रक्रिया सरल बनाए सरकार, परेशान हो रहे किसानों ने की मांग
  • कृषि ऋण प्रक्रिया जटिल होने से परेशानी
  • अप्रैल में नए ऋण आवंटित करने की मांग
  • फसल ऋण वितरण योजना ठीक से होने पर ही मिलेगी राहत

डिजिटल डेस्क, मोर्शी (अमरावती)। पिछले कुछ वर्षों में भारी बारिश, बाढ़ और बेमौसम बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान परेशान हो गया है। खेत में कड़ी मेहनत करने के बाद भी कुछ हासिल नहीं हो पाता है। फसल उगाने के लिए लिया गया कर्ज चाहकर भी नहीं चुकाया जा पाता है। नतीजा यह होता है कि अगले सीजन में फसल ऋण मिलने में दिक्कतें आती हैं। कभी-कभी यह पीड़ा फसल ऋण मिलने से भी ज्यादा होती है। कृषि ऋण प्रक्रिया जटिल है, इससे और किसान परेशानी में हैं। फसल कर्ज की प्रक्रिया को सरल करने की मांग की जा रही है।

"बैंकों से उम्मीद की जाती है कि वे हर साल नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के बाद अप्रैल में नए ऋण आवंटित करना शुरू करें। कुछ किसान अप्रैल से ही संबंधित बैंकों में फसल ऋण आवेदन जमा करते हैं। अधिकांश बैंकों द्वारा कर्ज देने में दिक्कत पैदा करने से किसान त्रस्त होते हैं। कई किसानों को कभी-कभी साहूकार से कर्ज लेकर खाद-बीज खरीदना पड़ता है। दूसरे शब्दों में कहें तो अगर बैंक फसल ऋण वितरण की योजना ठीक से बनाएं तो इसका असर गरीब किसानों पर नहीं पड़ेगा। लेकिन कई बार बैंक प्रबंधन की उदासीनता के कारण कई किसानों को खरीफ सीजन खत्म होने के बाद भी ऋण नहीं मिल पाता है। "कृषि व्यवसाय पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर है और उत्पादन और आय स्थायी नहीं है। समय पर ऋण चुकाने में कठिनाइयाँ होती हैं।

बैंक कर्मचारी ऐसे किसानों को डिफॉल्टर के रूप में नकारात्मक रूप से देखते हैं। पूरक उद्योगों, नए व्यवसायों के लिए ऋण प्रदान करते समय भी, बैंकों को इससे निपटना पड़ता है। ऋण स्वीकृत होने में कई कठिनाइयां होती हैं। किसानों और कृषि उत्पादन कंपनियों को विभिन्न गतिविधियों के लिए वित्तपोषण मिलना चाहिए। लेकिन बैंक द्वारा विभिन्न कारण दिखाकर परेशानी पैदा की जाती है। अप्रैल-मई में नवीनीकृत किसानों को भी ऋण वितरित नहीं किया जाता है। हर साल किसानों के सामने यह सवाल आता है कि जून में बुआई का काम करें या ऋण के लिए बैंक जाएं। किसानों को फसल कर्ज सरलता से दिलाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। राकांपा के रूपेश वालके सहित कईयों ने इस बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अन्यों को पत्र भेजकर समुचित पहल करने की मांग की है।

Created On :   26 March 2024 9:58 AM GMT

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