रोष: अमरावती में मराठा आरक्षण का सर्वे करने वालों को अब तक नहीं मिला मेहनताना

अमरावती में मराठा आरक्षण का सर्वे करने वालों को अब तक नहीं मिला मेहनताना
  • 31 मार्च से पहले अदायगी करने की मांग
  • सर्वे का जटिल काम तत्परता से पूरा किया
  • शासन-प्रशासन मेहनताना देने नहीं दे रहे ध्यान

धनंजय धांडे , दर्यापुर (अमरावती)। राज्य सरकार के निर्देश पर मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए सर्वेक्षण में शामिल कर्मचारियों को दो महीने बाद भी मेहनताना नहीं मिलने से उनमें नाराजी है। 31 मार्च से पहले इसकी अदायगी करने की मांग की जा रही है। तहसील के कर्मचारियों की ओर से 23 से 31 जनवरी 2024 के बीच एक सर्वेक्षण किया गया था। दो महीने बीत जाने के बाद भी वेतन नहीं मिलने से सैकड़ों कर्मचारी नाराज हैं।

मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से राज्य में मराठा समाज और आरक्षित श्रेणी के नागरिकों का सर्वेक्षण करने के लिए जिला परिषद शिक्षकों, नगरपालिका शिक्षकों, पटवारी आदि कर्मचारियों को नियुक्त किया। तहसीलदार डॉ. रवींद्र कुमार कानडजे ने कर्मचारियों को शहर और तहसील के ग्रामीण इलाकों में सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। आदेश के मुताबिक कर्मचारियों ने 23 से 31 जनवरी 2024 तक सर्वे का जटिल काम तत्परता से पूरा कर रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी। इस बीच जल्द ही कर्मचारियों को सर्वे का पारिश्रमिक खाते में डालने की बात कही गई थी लेकिन दो महीना बीतने के बाद भी कर्मचारियों को मेहनताना नहीं मिला। मेहनताने के मामले में बिल्ली कहां रास्ता काट गई, ऐसी चर्चा कर्मचारियों में की जा रही है।

अभी तक नहीं मिला मेहनताना : जिला परिषद के शिक्षकों ने निर्धारित समय सीमा के भीतर तहसील के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में मराठा-कुनबी और अन्य पिछड़े समुदायों का सर्वेक्षण किया। लेकिन अभी तक उस सर्वे का मेहनताना शिक्षकों के बैंक खाते में जमा नहीं हुआ है। इसके 31 मार्च से पहले जमा होने की उम्मीद है। वे केवल इतना ही कह रहे हैं कि उन्होंने बार-बार तहसील कार्यालय से संपर्क कर जानकारी वरिष्ठों को भेजी है। जब तक प्रशासन अपना काम नहीं कराता, तब तक तो मीठी-मीठी बातें करता है, लेकिन जब पारिश्रमिक देने का समय आता है, तो टका-सा जवाब मिलता है। तुलसीदास धांडे, अध्यक्ष, राज्य प्राथमिक शिक्षक, दर्यापुर.

शीघ्र अदा किया जाएगा : आरक्षण सर्वेक्षण प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को मेहनताना देने की मांग वरिष्ठ स्तर पर की गई है। लेकिन अभी तक अनुदान नहीं मिला है। हमारा फॉलोअप जारी है। निर्वाचन क्षेत्र में 31 मार्च से पहले अनुदान प्राप्त होने पर धनराशि तुरंत वितरित कर दी जाएगी। डॉ. रवीन्द्र कुमार कानडजे, तहसीलदार, दर्यापुर

Created On :   26 March 2024 9:43 AM GMT

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