Chandrapur News: चंद्रपुर में एमआईडीसी उद्योगों को नहीं मिल रहा पानी, उत्पादन पर असर

चंद्रपुर में एमआईडीसी उद्योगों को नहीं मिल रहा पानी, उत्पादन पर असर
  • कामगारों की कटौती, 20 की जगह केवल 5 कामगार कर रहे काम
  • उद्योगों की जलापूर्ति पिछले 20 दिनों से प्रभावित

Chandrapur News जिले में जलसंकट की मार चहुंओर पड़ रही हैं। गांव से लेकर शहर की प्यास बुझाने टैंकरों को मुस्तैद कर दिया गया हैं। इस आपदा से उद्योग अछूते कैसे रहेंगे? पानी के अभाव में अब चंद्रपुर की एमआईडीसी भी सिसकती दिखाई दे रही हैं। उद्योगों की जलापूर्ति पिछले 20 दिनों से प्रभावित हैं। यहां अन्य इकाईयों के अलावा फ्लाय ऐश से जुड़े उद्योग बड़े पैमाने पर हैं। इन उद्योगों में ईंटों का निर्माण किया जाता हैं। इस उत्पादन प्रक्रिया में शुरू से लेकर अंत तक पानी की भूमिका अहम होती हैं। किंतु इन तमाम उद्योगों को अब अपर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है, जिससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो गया हैं। ऐसे में कुछ उद्योगों में कामगारों की कटौती की गई है।

बांध का निर्माण एकमात्र विकल्प : जलसंकट की मार इसके पहले भी पड़ चुकी है। धानोरा या वढ़ा में बांध का निर्माण ही इस संकट से मुक्ति दिला सकता हैं। यहां बांध का निर्माण करने की मांग 7 वर्ष से पहले ही व्यवस्था से की गई है। बांध का निर्माण एकमात्र विकल्प है। मधुसूदन रूंगटा अध्यक्ष, एमआईडीसी एसो., चंद्रपुर

समस्या ग्रीष्म के कारण : एक इराई बांध को छोड़ दिया जाए, तो नदी का पानी रोकने यहां अन्य बांध नहीं है। धानोरा में स्थित वर्धा नदी के जैकवेल से यहां पानी लाया जाता हैं। वही वरोरा में हमने बांध बनाया हैं। वढ़ा संगम पर किसी ने बहती धारा को रोक दिया हैं। उद्योग विकास के लिये ही यह कार्पोरेशन हैं। उद्योगों को सुचारु रखने जितना संभव हो पानी दिया जा रहा हैं। उधर इस मुसिबत से छुटकारा दिलाने सिंचाई विभाग पिछले 20 वर्षों से बांध का प्रारूप बना रहा है। कुछ व्यस्तता के कारण सिंचाई विभाग से नहीं हो रहा है तो वे इस बांध को साकार करने का जिम्मा एमआईडीसी को दे सकते हैं। -श्रीकांत इरावार उपअभियंता, एमआईडीसी, चंद्रपुर


Created On :   7 May 2025 4:27 PM IST

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