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Chhindwara News: साढ़े नौ घंटे मौत से जंग, संघर्षों के बाद आखिर जीत गई जिंदगी

- साढ़े नौ घंटे मौत से जंग, संघर्षों के बाद आखिर जीत गई जिंदगी
- दुर्गम रास्तों की वजह से देरी से मिला उपचार
- २ किलोमीटर तक कंधों पर भी लेकर चले
Chhindwara News: सड़क, बिजली, पानी से अछूते इस गांव में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। घर में प्रसव हो गया, बर्थ कैनाल फटने से खून का रिसाव बढ़ गया। अंधेरे और जलमग्न रास्तों से साढ़े नौ घंटे कड़े संघर्ष के बाद महिला को सब सेंटर पहुंचाया गया। पल-पल मौत से जूझती महिला को स्वास्थ्य विभाग की टीम और जिला प्रशासन के सामूहिक प्रयासों ने बचा लिया।
जानकारी अनुसार घटना हर्रई के दुर्गम इलाके मदी पंचायत के ऊंचाखेड़ा गांव की है। जहां सोमवार शाम 5 बजे ग्रामीण महिला सकलवती ने घर में ही अपने बच्चे को जन्म दिया था। प्रसव के दौरान बर्थ कैनाल फटने से खून का रिसाव बढ़ गया था। गांव में सड़क, बिजली नहीं थी। भीषण बारिश के कारण खेत जलमग्न थे। स्वास्थ्य कार्यकर्ता अनुम ने स्कूटी से गांव में पहुंचने का प्रयास किया। विभाग को इसकी जानकारी दी। काफी संघर्ष के बाद सामूहिक प्रयासों से महिला को बचाया गया।
पूरी घटना एक नजर में
शाम ५ बजे: प्रसव के दौरान बर्थ कैनाल फटने से खून का रिसाव बढ़ गया था। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम तक यह सूचना पहुंचाई।
शाम ५.३० से ७ बजे तक: स्वास्थ्य कार्यकर्ता अनुम गांव तक पहुंचने का प्रयास करती रही, साप्ताहिक बाजार के कारण कोई भी पुरुष मदद के लिए नहीं मिला।
शाम ७.३० बजे: एसडीएम व भारिया विकास प्राधिकरण अध्यक्ष की मदद से एक ट्रैक्टर मिला, एएनएम इस टै्रक्टर में सवार होकर ३ घंटे तक कठिन रास्तों से संघर्ष करते हुए गांव पहुंचीं।
रात १२.३० बजे: ट्रैक्टर में पीडि़त महिला को बैठाकर गांव से १६ किलोमीटर दूर सब सेंटर लाया जा रहा था। तभी कीचड़ में टै्रक्टर फंस गया। यहां से सब सेंटर महज २ किलोमीटर दूर बचा था।
रात २.३० बजे: ट्रैक्टर चालक, परिजन व ग्रामीण कपड़े की पालकी में महिला को बैठाकर सब सेंटर पहुंचे थे। पहले से मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महिला का प्राथमिक उपचार किया। फिर एम्बुलेंस से बटकाखापा भेजा गया।
रात ३ बजे: हालत स्थित होने पर हर्रई स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया था। इसके बाद सुबह ७.३० बजे जिला अस्पताल रेफर किया गया। पूरे घटना क्रम पर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह अपडेट रहे।
इनका कहना है...
सामूहिक प्रयास से महिला की जान बचा सके। पूरी टीम के संघर्ष के साथ पीडि़त महिला का हौसला भी हिम्मत देते रहा।
-रानी वर्मा, बीएमओ हर्रई
Created On :   3 Sept 2025 2:05 PM IST