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Chhindwara News: स्टेज पर दुल्हन ने दिखाई तलवारबाजी, जडेजा परिवार की शादी में दिखी अनोखी परम्परा

- शहरवासियों के लिए भले ही यह नया था लेकिन गुजरात से आए दुल्हन पक्ष के लोगों के लिए आमबात थी।
- तलवार दूल्हे की अपनी होने वाली पत्नी की रक्षा करने और उसे हमेशा सुरक्षित रखने की प्रतिज्ञा का प्रतीक है।
Chhindwara News: नगर के गुजराती समाज के वनराज जडेजा ने अपने बेटे कुलदीप का विवाह अहमदाबाद निवासी अंजना के साथ विगत दिवस स्थानीय पंजाब लॉन से किया। यहां विवाह की पारम्परिक रस्मों के दौरान शहरवासियों को अनोखी रस्म देखने को मिली। वैवाहिक स्टेज पर नवनवेली दुल्हन ने तलवारबाजी की अपनी कला का प्रदर्शन कर सभी को चकित कर दिया।
शहरवासियों के लिए भले ही यह नया था लेकिन गुजरात से आए दुल्हन पक्ष के लोगों के लिए आमबात थी। दरअसल गुजराती दुल्हन और दूल्हे की शादी में तलवार का उपयोग एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक है, जो सुरक्षा, शुद्धता, और रक्षा का प्रतीक है। इस मौके पर न केवल नई नवेली दुल्हन ने तलवार चलाया, बल्कि बिना संकोच के अपने पति, सास-ससुर और देवर से भी तलवार चलाने का आग्रह कर तलवार चलवाई।
दुल्हन अंजना ने बताया कि गुजराती व राजस्थानी क्षत्रिय परिवारों में तलवार चलाना शुभ माना जाता है, रास गरबा के दौरान भी महिलाएं तलवार चलाती है। शुभकामों में तलवार की पूजा की जाती है। यह परम्परा सभी गुजराती बहनों को निभानी चाहिए।
तलवार से तोरण मारने
गुजराती समाज में तोरण (दरवाजे पर सजाया हुआ बंधन) पर तलवार से प्रहार करके नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, जो घर में प्रवेश करने से रोकते हैं। तोरण को मारने से दूल्हे का घर में शांतिपूर्ण प्रवेश सुनिश्चित होता है, और इससे एक सुखद और सुरक्षित वैवाहिक जीवन शुरू होता है।
रक्षा का प्रतीक
तलवार दूल्हे की अपनी होने वाली पत्नी की रक्षा करने और उसे हमेशा सुरक्षित रखने की प्रतिज्ञा का प्रतीक है।
तलवार रास
कुछ गुजराती समुदाय नवरात्रि के दौरान "तलवार रास" या "तलवार चलाना" नामक पारंपरिक सांस्कृतिक अभ्यास में तलवारों का उपयोग करते हैं, जो देवी को प्रसन्न करने का एक तरीका है।
Created On :   17 May 2025 2:11 PM IST