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Mumbai News: कर्नाटक और राजस्थान की तर्ज पर राज्य में गिग श्रमिकों के लिए के लिए बनेगा कानून

- कर्नाटक और राजस्थान के कानून का अध्ययन करेगा राज्य का श्रम विभाग
- 321 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनियों का पंजीयन
Mumbai News. अमित कुमार। प्रदेश में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कारोबार करने वाली कंपनियों के गिग श्रमिकों के लिए कानून बनाया जाएगा। ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए डिलीवरी बॉय के रूप में अनुबंध पर काम करने वालों को गिग श्रमिक कहा जाता है। महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य कर्नाटक के अलावा राजस्थान और झारखंड में गिग श्रमिकों के लिए कानून लागू है। इसी के तर्ज पर राज्य के गिग श्रमिकों के लिए कानून बनाया जाएगा। राज्य के श्रम विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि राज्य के गिग श्रमिकों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण, नियमन और सामाजिक सुरक्षा के लिए कानून बनाया जाएगा। फिलहाल इस कानून का प्रारूप बनाने का काम शुरू है। इसके लिए ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा होगी। गिग श्रमिकों के एग्रीगेटरों और गिग श्रमिकों के संगठनों की राय ली जाएगी। साथ ही कर्नाटक और राजस्थान समेत दूसरे राज्यों के गिग श्रमिक कानून का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही कानून के प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा। फिर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पेश किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि कानून बनने के बाद गिग श्रमिकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के मानक लागू हो जाएंगे। गिग श्रमिकों का नियमन हो सकेगा। गिग श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा के लिए भी योजनाएं लागू की जाएंगी। इसके लिए भी निधि जुटाने की व्यवस्था का प्रावधान किया जाएगा।
ई-श्रम पोर्टल पर गिग श्रमिकों का पंजीयन शुरू
अधिकारी ने कहा कि राज्य में गिग श्रमिकों का वास्तविक आकड़ा नहीं है। लेकिन राज्य में ई-कॉमर्स कंपनियों में लगभग 8 लाख गिग श्रमिकों के काम करने का अनुमान है। इसलिए राज्य में फिलहाल केंद्र सरकार के असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बनाए गए ई-श्रम पोर्टल पर गिग श्रमिकों का पंजीयन शुरू है। केंद्र सरकार के निर्देश पर इसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। राज्य में अभी तक ई-श्रम पोर्टल पर करीब 45 हजार गिग श्रमिकों का पंजीयन हो गया है। राज्य के श्रम आयुक्त और विकास आयुक्त (असंगठित कामगार) के माध्यम से ई-श्रम पोर्टल पर गिग श्रमिकों का पंजीयन किया जा रहा है। एग्रीगेटरों के जरिए गिग श्रमिकों को जानकारी जुटाकर ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन किया जाता है। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन करने वाले गिग श्रमिक प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभ के पात्र होंगे।
321 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनियों का पंजीयन
अधिकारी ने बताया कि राज्य में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लगभग 321 कंपनियां पंजीकृत है। इसमें अमेजन, फ्लिपकार्ट, मेक माय ट्रिप, जे एस डब्लू वन, स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट समेत अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों को समावेश है। इन सभी कंपनियों का राज्य में सालाना टर्नओवर 45 हजार करोड़ रुपए का है। इन कंपनियों में नियमित रूप से लगभग 2 लाख कर्मचारी काम करते हैं।
Created On :   23 May 2025 8:47 PM IST