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Mumbai News: कागज रहित हुआ कामकाज - सौर ऊर्जा की बड़ी परियोजनाएं होंगी स्थापित, विद्यार्थियों का भत्ता दोगुना, हाईकोर्ट बनाने जमीन हस्तांतरित को मंजूरी

Mumbai News. परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता घटाकर, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर और किसानों को सिंचाई के लिए दिन के समय निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान कर कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा परियोजना 2.0 के तहत महानिर्मिती (महाराष्ट्र राज्य बिजली निर्माण कंपनी लिमिटेड) द्वारा राज्य में 1071 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा प्रकल्प जल्द ही शुरू किए जाएंगे। इन प्रकल्पों से राज्य के 3 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता घटाकर, कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। सरकार ने मिशन 2025 के अंतर्गत वर्ष 2025 तक लगभग 30 फीसदी कृषि फीडरों का सोलराइजेशन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत 0.5 मेगावॉट से 25 मेगावॉट तक के सौर प्रकल्प कृषि भार वाले वितरण उपकेंद्रों से 5-10 किमी की परिधि में स्थापित किए जाएंगे। इस परियोजना से राज्य में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
फड़णवीस सरकार की हुई पहली ई-कैबिनेट बैठक, कागज रहित हुआ कामकाज
राज्य में गतिशील एवं पारदर्शी शासन के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (ई-कैबिनेट) से हुई। ई-कैबिनेट के तहत मुख्यमंत्री फडणवीस समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों को विशेष टैबलेट उपलब्ध कराए गए। जिसके तहत कागज रहित बैठक का आयोजन हुआ। बैठक के बाद फडणवीस ने कहा कि 'ई-कैबिनेट' बैठक कागज रहित भविष्य की ओर पहल का एक कदम है। 'ई-कैबिनेट' प्रणाली के जरिए मंत्रिमंडल बैठकों की योजना, बैठक की जानकारी और निर्णयों को लागू करने से लेकर उनकी निगरानी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सरलता से की जा सकेगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि 'ई-कैबिनेट' राज्य सरकार की एक पर्यावरण अनुकूल पहल है। यह मंत्रिमंडल की बैठकों के लिए कागज के बड़े पैमाने पर उपयोग को कम करने में सहायक होगा। इस हरित पहल के तहत कागज रहित कैबिनेट बैठकें स्मार्ट टैबलेट के माध्यम से आसानी से आयोजित की जा सकेंगी। इसके माध्यम से फैसलों से संबंधित जानकारी ढूंढना एवं निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा करना आसान होगा। ई-कैबिनेट की बैठकों, निर्णयों और संबंधित दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जा सकेगा। कैबिनेट में पेश किए जाने वाले प्रस्ताव को ऑनलाइन अपलोड करना और उससे जुड़े सभी रिकॉर्ड रखना, ये सभी प्रक्रियाएं आसानी से होंगी। इस प्रणाली से कागजों के उपयोग में कमी आने के साथ ही इस प्रक्रिया में मंत्री और अधिकारियों-कर्मचारियों का काफी समय बचेगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के 100 दिनों के कार्यक्रम के तहत सरकार और नागरिकों के बीच की दूरी कम होकर, डिजिटल माध्यम से सेवाएं और अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचाई जा सकेंगी। ई-कैबिनेट की शुरुआत काफी पहले ही होने वाली थी लेकिन मंत्रियों को टैबलेट मुहैया कराने वाली कंपनी ने कुछ दिनों पहले टैबलेट उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने नया टेंडर निकाला था। जिसके बाद मंत्रियों को ये टैबलेट भी उपलब्ध करा दिए गए हैं। खबर है कि ई-कैबिनेट करने से अब कैबिनेट के फैसलों को बैठक से पहले ही लीक होने से रोका जा सकेगा।
बांद्रा पूर्व में हाईकोर्ट बनाने जमीन हस्तांतरित करने को मंजूरी
बांद्रा (पूर्व) में बाम्बे हाईकोर्ट के लिए आरक्षित भूखंड को राज्य के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। बांद्रा (पूर्व) के सरकारी कॉलोनी के 90 एकड़ जमीन में से 30.16 एकड़ भूखंड हाईकोर्ट को देने का फैसला लिया गया है। इस भूखंड पर हाईकोर्ट का कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। बाम्बे हाईकोर्ट ने इस भूखंड को छह चरणों में देने के निर्देश दिए थे। छह चरण में से पहले दो चरणों की 9.64 एकड़ जमीन हस्तांतरित की गई है। तीसरे चरण की 4.09 एकड़ जमीन के गौतम नगर और समता नगर में झोपड़पट्टी है। इससे पुनर्वसन के लिए पात्र झोपड़ा धारकों को मालाड (पूर्व) और कांदिवली में झोपड़पट्टी पुनवर्सन योजना के तहत 254 फ्लैट के लिए सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग को 31 करोड़ 75 लाख रुपए झोपड़पट्टी पुनवर्सन प्राधिकरण को देना पड़ता था। लेकिन मंत्रिमंडल ने इस राशि को माफ कर दिया है। इसके साथ ही 138 गैर आवासीय और 116 आवासीय गाला और शेष भूखंड पर गालाधारकों की पात्रता निश्चित की जाएगी। इसके बाद उन्हें भी गाला सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित करने के लिए मंजूरी दी गई है। हाईकोर्ट के लिए आरक्षित भूखंड पर कई जगहों पर अतिक्रमित झोपड़ीधारक हैं। इसलिए झोपड़ाधारकों और गालाधारकों को हटाने के लिए गृहनिर्माण विभाग ने नीति तय की है।
आदिवासी छात्रावासों के विद्यार्थियों का भत्ता हुआ दोगुना
राज्य मंत्रिमंडल ने सरकारी आदिवासी छात्रावासों के विद्यार्थियों के आहार, निर्वाह, शैक्षणिक सामग्री भत्ते में लगभग दोगुना बढ़ोतरी करने को मंजूरी दी है। विभागीय स्तर के आदिवासी छात्रावासों के विद्यार्थियों को प्रति महीने अब निर्वाह भत्ता के रूप 1400 रुपए, जिला स्तर के लिए 1300 रुपए और तहसील व ग्रामीण स्तर के लिए 1000 रुपए प्रदान किया जाएगा। छात्राओं का अतिरिक्त भत्ता 100 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपए कर दिया गया है। शैक्षणिक सामग्री खरीदने के लिए कक्षा 8 वीं से 10 वीं के विद्यार्थियों के लिए अब 4500 रुपए, कक्षा 11 वीं, 12 वीं और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए 5000 रुपए और डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए 5700 रुपए और मेडिकल व इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए 8000 रुपए तय किए गए हैं। वहीं आहार भत्ता के लिए मनपा और विभागीय स्तर के शहरों में स्थित छात्रावासों के लिए 5000 रुपए और जिला स्तर के लिए 4500 रुपए निश्चित किया गया है।
पिंपरी-चिंचवड मनपा को सीवेज उपचार संयंत्र के लिए जगह
पिंपरी-चिंचवड मनपा को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) चिखली में दफनभूमि की 1.75 हेक्टर आर क्षेत्र में से 7 हजार वर्ग मीटर जगह देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे चिखली एसटीपी परियोजना का रास्ता साफ हो गया है। बढ़ते शहरी के कारण पर्यावरण संतलुन और जलप्रदूषण को कम करने के लिए पानी का पुनः इस्तेमाल करने का फैसला पिंपरी-चिंचवड मनपा ने लिया है।
हडको से दो हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने सरकारी गारंटी
प्रदेश की महायुति सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए स्थानीय निकायों पर मेहरबान हो गई है। राज्य मंत्रिमंडल ने स्थानीय निकायों के विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमेटेड (हडको) से दो हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने के लिए सरकारी गारंटी देने को मंजूरी दी है। सरकार ने कर्ज के लिए गारंटी शुल्क भी माफ करने का फैसला लिया है। मीरा-भायंदर मनपा की जलापूर्ति परियोजना की हिस्से के लिए 116 करोड़ 28 लाख रुपए, नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण की चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए 268 करोड़ 84 लाख रुपए और छत्रपति संभाजीनगर मनपा की जलापूर्ति परियोजना के हिस्से के लिए 822 करोड़ 22 लाख रुपए समेत अन्य स्थानीय निकायों की परियोजनाओं का समावेश है। केंद्र सरकार के अमृत 2.0 अभियान के तहत स्थानीय निकायों में कई परियोजनाओं का काम शुरू है। इसलिए स्थानीय निकायों को अपने हिस्से की धन राशि उपलब्ध कराने के लिए निधि जुटाना पड़ता है। इसके लिए सरकार राज्य में महाराष्ट्र शहरी ढांचागत सुविधा विकास कर्ज योजना चलाती है। इसके तहत वित्तिय संस्था हडको से कर्ज लिया जाएगा।
Created On : 24 Jun 2025 10:18 PM IST