Nagpur News: अल्पसंख्यक समुदाय के 12 नवबौद्ध छात्रों की विदेश में उड़ान, खान के प्रयासों से रुकावटें दूर

अल्पसंख्यक समुदाय के 12 नवबौद्ध छात्रों की विदेश में उड़ान, खान के प्रयासों से रुकावटें दूर
  • 1 करोड़ रुपये तक की छात्रवृत्ति स्वीकृत
  • यूके और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश
  • प्यारे खान के प्रयासों से दूर हुई सारी रुकावटें
  • उच्च शिक्षा का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया

Nagpur News. 12 अल्पसंख्यक समुदाय के नवबौद्ध छात्रों के लिए विदेश में उच्च शिक्षा का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। सभी छात्रों को विदेशी छात्रवृत्ति की मंजूरी मिल गई है। महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के विशेष हस्तक्षेप और प्रयासों से 52 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई है। विदेश जाने वाले छात्रों में सुमित जांभुलकर, निनाद जांभुलकर, कौशिक खोब्रागड़े, प्रिंशु ढोणे, वरुण रामटेके, अभिजीत लोखंडे, पलक ढोणे, सुकेशिनी जीवने, शर्वरी मेश्राम, इशिका इलमे, नितेश वानखेड़े और यश शामिल हैं। इन सभी को यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी और यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न में प्रवेश मिला है, जहां वे साइबर सिक्योरिटी, एमबीए, कंप्यूटर साइंस, इंटरनेशनल बिजनेस, मास्टर ऑफ कॉमर्स और डेटा साइंस जैसे कोर्स करेंगे।

ये सभी छात्र “विदेशी उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना के तहत आवेदनकर्ता थे, लेकिन तकनीकी कारणों और प्रशासनिक अड़चनों के चलते प्रक्रिया अटक गई थी। छात्रों ने मुंबई और पुणे के कई सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाए, पर काम आगे नहीं बढ़ा। अंतत छात्रों ने महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष (मंत्री दर्जा) प्यारे खान से मदद मांगी। उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और अथक प्रयासों के बाद ही छात्रवृत्ति को मंजूरी मिल सकी।

छात्रवृत्ति स्वीकृत होने के बाद सभी छात्रों ने प्यारे खान से मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर खान ने छात्रों का सम्मान किया और विदेश में पढ़ाई के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने प्रेरणा देते हुए कह कि तैरना सीखना है तो डूबने का डर निकालना होगा। सफलता का असली सूत्र है, पहला कदम बढ़ाओ, फिर सोचो। साथ ही उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि पढ़ाई पूरी करने के बाद देश लौटकर समाज और राष्ट्र की सेवा करें। खान ने कहा कि मैं छात्रों से अपील करता हूं कि वे विदेश में उच्च शिक्षा लेना चाहने वाले युवाओं के लिए जागरूकता फैलाएं और एक मानक कार्यप्रणाली (SOP) तैयार करें, ताकि प्रतिभाशाली छात्रों को अनावश्यक देरी या बाधाओं का सामना न करना पड़े।

राज्य सरकार अल्पसंख्यक समाज के मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए विदेशी उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना संचालित करती है। इस योजना के तहत दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके लिए छात्र का महाराष्ट्र निवासी और अल्पसंख्यक समाज से होना अनिवार्य है। स्नातकोत्तर कोर्स के लिए अधिकतम आयु 35 वर्ष और पीएचडी के लिए 40 वर्ष तय है। साथ ही, परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। योग्य छात्र राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करके और आवश्यक शर्तें पूरी करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।



Created On :   11 Aug 2025 5:39 PM IST

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