Nagpur News: बाघ ने तोड़ दी थी सिर की हड्‌डी, मेडिकल में मिला नया जीवन

बाघ ने तोड़ दी थी सिर की हड्‌डी, मेडिकल में मिला नया जीवन
  • 15 दिन तक चला उपचार
  • जटिल सर्जरी के बाद युवक की बची जान

Nagpur News देवलापार वन परिक्षेत्र अंतर्गत निमटोला गांव में एक युवक पर बाघ ने हमला कर दिया था। सिर में गंभीर जख्म हुए थे। बचने की उम्मीद न के बराबर थी। गंभीर अवस्था में मेडिकल में भर्ती किया गया। यहां के डॉक्टरों की टीम ने तत्काल जांच व उपचार किया। 15 दिन चले उपचार से युवक की जान बच पाई।

ग्रामीण अस्पताल से रेफर : मेडिकल सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना रामटेक तहसील अंतर्गत देवलापार वन परिक्षेत्र में आने वाले आदिवासी बाहुल गांव निमटोला गांव की है। 13 जुलाई को निमटोला निवासी 24 साल का युवक सुदाम भलावी गांव से सटे जंगल में बकरियां चराने गया था। अन्य लोग भी जानवर चराने गये थे। अचानक एक बाघ ने सुदाम पर हमला कर दिया। बाघ ने सुदाम के सिर को खाने का प्रयास किया, तभी सुदाम जोर-जोर से चिल्लाने लगा। आवाज सुन अन्य चरवाहे पहुंचे। घबराकर बाघ जख्मी सुदाम को छोड़ भाग गया। सुदाम को उपचार के लिए ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया। हालत काफी गंभीर थी। डॉक्टरों ने तुरंत मेडिकल कॉलेज रेफर किया। उसे नागपुर के मेडिकल में ट्रामा केयर सेंटर में भर्ती किया गया।

अलग-अलग जटिल सर्जरी : बाघ ने सुदाम के सिर की एक ओर की हड्डी को जबड़े से तोड़ दिया था। उसके सिर के भीतर का हिस्सा खुला हो गया था। चोट से उसके मस्तिष्क में पानी भर गया था। रक्तस्राव अधिक होने से जटिलता पैदा हो चुकी थी। अलग-अलग तरह की जांच कर उपचार शुरू किया गया। 8 दिन तक उपचार के बाद शरीर में हलचल देख चिकित्सकों की हिम्मत बढ़ी। इसके बाद उसके सिर की अलग-अलग सर्जरियां की गई। धीरे-धीरे मरीज स्वस्थ हुआ।

उपचार की तत्काल सुविधा : ट्रामा केयर सेंटर के प्रभारी डॉ.अब्दुल कुरैशी और उनकी टीम ने मरीज को भर्ती करने के बाद उसे स्थित रखने में सह्योग किया। न्यूरोसर्जन डॉ. सुनील गजभारे, डॉ. निखिल काकाणी, डॉ. विवेक हरिणखेडे और डॉ. प्रसन्नजीत मजूमदार की टीम ने सिर की जटिल सर्जरी की। इस दौरान एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. गर्दे और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वार्ड इंचार्ज सिस्टर मरापे और सरिता कोकाटे ने मरीज की देखभाल कर उसे मानसिक संबल दिया। अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने कहा कि मानव और वन्यजीव संघर्ष में गंभीर रूप से घायल मरीज मेडिकल में उपचार के लिए लाये जाते हैं। आपात स्थिति में आने वाले मरीजों की जांच से लेकर उपचार तक मेडिकल के डॉक्टरों की टीम तत्पर रहती है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने कहा कि मेडिकल में आनेवाले मरीजों को विविध योजना अंतर्गत उपचार सुविधाएं दिलाने का पूरा प्रयास किया जाता है।

Created On :   30 July 2025 11:50 AM IST

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