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Nagpur News: अब हाइटेक विभाग एफआर कैमरा तकनीक से रुकेगी मानव तस्करी

- ऑपरेशन शक्ति के अंतर्गत सोशल मीडिया को स्कैन करेगी ‘गरुड़ दृष्टि’
- अपराधियों के खिलाफ तुरंत की जाएगी कार्रवाई
Nagpur News संतरानगरी की पुलिस यूं तो काफी हाईटेक हो चुकी है। अब इसी क्रम में एक और पहल होने जा रही है। शहर पुलिस मानव तस्करी को रोकने के लिए एफआर कैमरा तकनीक यानी फेशियल रिकॉग्निशन निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल करेगी। इससे गुमशुदा महिलाओं, युवतियों व बच्चों का पता लगाया जा सकेगा।
इस तकनीक की पहल के बारे में पुलिस उपायुक्त महक स्वामी ने बताया कि शहर में 22 एफआर कैमरे लग चुके हैं, सभी काम भी कर रहे हैं। पहले इनमें केवल आरोपी का डेटा ही डाला जाता था, अब पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर गणेशपेठ बस स्टैंड और उसके आस-पास लगे दो कैमरों में गुमशुदा बच्चों का डेटा डाला गया है। इससे इस तकनीक के जरिए गुमशुदा लोगों का पता लगाने में मदद मिलेगी। मानव तस्करी से निपटने के लिए ऑपरेशन शक्ति के तहत गरुड़ दृष्टि सोशल मीडिया को स्कैन करेगी। जल्द ही इसका विस्तार मानव तस्करी के उन सभी हॉट स्पॉट्स तक किया जाएगा, जिनका पुलिस विभाग ने विश्लेषण किया है।
रीयल टाइम अलर्ट : पुलिस उपायुक्त महक स्वामी ने बताया कि एफआर कैमरे गुमशुदा महिलाओं और बच्चों की पहचान करने के साथ ही बार-बार अपराध करने वालों पर नजर रखने में मदद के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। यह प्रणाली पुलिस के लिए रीयल-टाइम अलर्ट बताती है। इससे तत्काल हस्तक्षेप संभव होता है। ऑपरेशन शक्ति के साथ उन्नत तकनीक को दिन-प्रतिदिन की स्मार्ट पुलिसिंग में शामिल किया जा रहा है।
हमारी लडाई को मजबूती मिलेगी : गरुड़ दृष्टि और फेशियल रिकॉग्निशन निगरानी जैसे एअाई संचालित उपकरणों से मानव तस्करी के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत हुई है। ये नवाचार एक सुरक्षित नागपुर के लिए सक्रिय, जन-केंद्रित पुलिसिंग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल, पुलिस आयुक्त, नागपुर
राज्य में पहला कदम : सूत्रों के अनुसार एफआर कैमरा निगरानी प्रणाली महाराष्ट्र में अपनी तरह का पहला कदम है। इसके तहत शहर की पुलिस ने मानव तस्करी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने का निर्णय लिया है। इसमें लापता लोगों का पता लगाने और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के लिए ऑपरेशन शक्ति के तहत सोशल मीडिया निगरानी और चेहरे की पहचान सहित दो उन्नत तकनीक-संचालित उपकरण पेश किए हैं।
हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा अनावरण किए गए गरुड़ दृष्टि को अब डिजिटल और ऑनलाइन तस्करी का पता लगाने के लिए एक नए फीचर के साथ एकीकृत किया गया है। यह एआई-संचालित सॉफ्टवेयर फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को स्कैन करके तस्करी के संकेतों की पहचान करेगा। इसमें फर्जी नौकरी घोटाले, एस्कॉर्ट सेवाएं और धोखाधड़ी वाले विज्ञापन शामिल हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इससे ऐसे अपराधों का तेजी से पता लगाना और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम (आईटीपीए) के तहत त्वरित मामला दर्ज करना आसान होगा।
Created On :   28 Aug 2025 12:11 PM IST