Nagpur News: डॉ. विलास डांगरे को मिला पद्मश्री, दिव्यांगता पर मात 4 दशक से सेवा कार्य

डॉ. विलास डांगरे को मिला पद्मश्री, दिव्यांगता पर मात 4 दशक से सेवा कार्य
  • होमियोपैथी में विशेष रूप से नाड़ी परीक्षण के लिए डॉ. डांगरे पहचाने जाते
  • सबसे चर्चित पहल ‘मोबाइल हेल्थ क्लीनिक’ रही

Nagpur News शहर के डॉ. विलास डांगरे (70) को होमियोपैथी के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों उन्हें सम्मानित किया गया। होमियोपैथी में विशेष रूप से नाड़ी परीक्षण के लिए डॉ. डांगरे पहचाने जाते हैं। साल 2014 में नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आवाज की समस्या आई थी, तब डॉ. डांगरे ने उपचार कर उनकी आवाज को सामान्य कर दिया था। उनका क्लिनिक गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए सेवा का केंद्र बना हुआ है। वे एक लाख से अधिक मरीजों का इलाज कर चुके हैं। बीते 10 वर्षों से वे दृष्टिबाधित हैं।

स्वास्थ्य सेवा के लिए समर्पित जीवन : डॉ. डांगरे का नागपुर से जुड़ाव केवल जन्मभूमि तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने अपने संपूर्ण करियर में विदर्भ क्षेत्र, विशेष रूप से नागपुर जिले के सुदूर ग्रामीण अंचलों में जाकर स्वास्थ्य सेवाएं दी हैं। उन्होंने सरकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कई नवाचार किए, जिससे गरीब तबकों को समय पर उपचार मिल सका।

‘मोबाइल हेल्थ क्लीनिक’की शुरुआत : उनकी सबसे चर्चित पहल ‘मोबाइल हेल्थ क्लीनिक’ रही, जिसे उन्होंने नागपुर के स्लम और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में चलाया। यह पहल अब राज्य स्तर पर अपनाई जा चुकी है। उनके नेतृत्व में नागपुर महानगरपालिका के साथ मिलकर कई स्वास्थ्य शिविर, टीकाकरण अभियान और कुपोषण विरोधी कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाए गए।

मेडिकल कॉलेज से शिक्षा और समाजसेवा की शुरुआत : डॉ. डांगरे ने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई नागपुर के प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेज से की थी। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने देखा कि किस तरह गरीब मरीजों को इलाज के लिए संघर्ष करना पड़ता है। तभी उन्होंने तय किया कि वे चिकित्सा को सेवा का माध्यम बनाएंगे, न कि सिर्फ व्यवसाय।

नागपुर मनपा करेगी सम्मानित : डॉ. डांगरे को पद्मश्री मिलने पर नागपुर महानगरपालिका ने उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है।

स्वास्थ्य अधिकार की लड़ाई लड़ने वालों को समर्पित : पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद डॉ. डांगरे ने कहा, ‘यह सम्मान केवल मेरा नहीं है, बल्कि उन हजारों लोगों का है, जिन्होंने स्वास्थ्य अधिकार की लड़ाई लड़ी और भरोसा बनाए रखा। नागपुर ने मुझे बहुत कुछ दिया है, मैं यह सम्मान इसी धरती को समर्पित करता हूं। -डॉ. विलास डांगरे


Created On :   28 May 2025 5:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story