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Nagpur News: कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा शीतसत्र, कम समय में सत्र समापन की बनने लगी है परंपरा

- अवधि को लेकर बना रहेगा सवाल
- पिछले साल 6 दिन ही चला था सत्र
Nagpur News राज्य विधान मंडल का शीतकालीन अधिवेशन 8 दिसंबर से नागपुर में आरंभ होगा। यह सत्र इस बार कई मायनों में महत्वपूर्ण रहेगा। पिछले वर्ष 6 दिन ही सत्र चल पाया था। इससे पहले भी विविध कारणों से सत्र की अवधि कम रही है। सत्र पर राजनीति के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। फिलहाल राज्य में मनपा सहित विविध स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी चल रही है। चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं हुए हैं। ऐसे में सवाल बना हुआ है कि इस बार भी सत्र की अवधि कम ही तो नहीं रहेगी। सत्र के मामले में किसी तरह की राजनीति तो बाधा नहीं बनेगी।
नागपुर करार : नागपुर करार के अनुसार उपराजधानी में विधान मंडल का कम से कम एक सत्र होना चाहिए। हालांकि सत्र की अवधि तय नहीं है, लेकिन माना जाता रहा है कि 3 या 4 सप्ताह का शीतसत्र नागपुर में होगा। इससे नागपुर व विदर्भ की समस्याओं व मुद्दों पर अधिक चर्चा की जा सकेगी। विदर्भ के पिछड़ेपन के विषय के साथ नागपुर में विधान मंडल के सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग लगभग सभी राजनीतिक दल करते रहे हैं, लेकिन कम समय में ही सत्र समाप्त कर दिया जाता है।
फडणवीस का नया प्रयोग : 2014 में देवेंद्र फडणवीस पहली बार मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने नागपुर में सत्र के लिए एक नया प्रयाेग किया। उन्होंने नागपुर में मानसून व मुुंबई में शीतसत्र का आयोजन कराया। उस समय दावा किया जा रहा था कि अबाधित तौर से नागपुर में अधिक अवधि तक मानसून सत्र होगा। 2017 का मानसून सत्र भी नागपुर में जल्द समाप्त हो गया। उस समय अतिवृष्टि के कारण विधान भवन में पानी घुस गया था। 2019 में शीतसत्र को कोविड के भय से तत्काल समाप्त कर दिया गया। 2020 व 2021 में यहां सत्र नहीं हो पाया। 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व की सरकार का पहला सत्र नागपुर में ही हुआ, लेकिन सत्ता-गठन के चलते वह सत्र भी जल्द समाप्त कर दिया गया।
मुद्दों पर नहीं हो पाई चर्चा : पिछले वर्ष 6 दिन में सत्र का समापन हो गया। 23 नवंबर 2024 को विधानसभा चुनाव के परिणाम आए। महायुति को भरपूर बहुमत मिला, लेकिन मंत्रिमंडल को लेकर त्वरित निर्णय नहीं लिया जा सका। 2 सप्ताह की उठापटक के बाद 5 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शपथ ली, लेकिन मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया। 16 से 21 दिसंबर तक शीतसत्र चला। सत्र आरंभ हाेने की पूर्व संध्या पर नागपुर में ही मंत्रिमंडल ने शपथ ली। 33 मंत्री व 6 राज्यमंत्री बनाए गए, लेकिन सत्र में सारे मंत्री विभाग मिलने का इंतजार करते रहे। सत्र में कुछ विधेयकों, विषयों पर चर्चाएं हुई, प्रश्नकाल नहीं हो पाया। सत्र समाप्त होने के कुछ घंटों बाद मंत्रियों के विभागों की घोषणा की गई। पूरे सत्र में नागपुर व विदर्भ के मुद्दों पर बड़ी चर्चा नहीं हो पाई थी।
Created On :   19 July 2025 3:11 PM IST