Nagpur News: कोंढाली वनपरिक्षेत्र में मादा तेंदुए का शावकों के साथ हृदयस्पर्शी पुनर्मिलन

  • चिखली गांव के पास खेत की घटना
  • लोगों से डरकर भाग गई थी मां

Nagpur News कोंढाली वनपरिक्षेत्र में एक मादा तेंदुआ लोगों के डर से अपने दो बच्चों को छोड़ यहां से निकल गई थी। जिसके बाद वन विभाग की ओर से इन बच्चों का रेस्क्यू किया था। इसके बाद शुरू हुआ था। मां से बच्चों को पुन मिलाने का अभियान। शुक्रवार की रात को टीम द्वारा इन दो शावकों को खेत में रखा गया। जिसके बाद मादा तेंदुआ यहां आकर रात को अपने शावकों को लेकर चली गई।

क्या थी पूरी घटना : नागपुर जिले के कोंढाली वन परिक्षेत्र के चिखली गांव के पास 18 जुलाई को एक नाटकीय और हृदयस्पर्शी घटना घटी। सागर शेलोकर के खेत में एक मादा तेंदुआ अपने तीन छोटे-छोटे शावकों के साथ नजर आई। यह खबर गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई और कुछ ही देर में वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। इस हंगामे में मादा तेंदुआ एक शावक को लेकर चली गई, लेकिन दो शावक खेत में ही पीछे रह गए। कोंढाली वन परिक्षेत्र के कर्मचारियों और ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की रेस्क्यू टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की।

उन्होंने खेत में बचे दो शावकों को खोजकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। लेकिन असली चुनौती थी मादा तेंदुए और उसके तीसरे शावक का पता लगाना। रात भर इलाके की छानबीन की गई, लेकिन मादा तेंदुआ नहीं मिला। फिर भी, वन विभाग की टीम ने हार नहीं मानी। ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर के पशु चिकित्सक डॉ. राजेश फुलसुंगे ने श्री. पांडुरंग पखाले (सहायक वन संरक्षक), श्री. प्रवीण नाईक (वन परिक्षेत्र अधिकारी, कुंदन हाते (ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर समन्वयक) के साथ चर्चा कर उप-वन संरक्षक डॉ. विनिता व्यास से अनुमति ली। इसके बाद एक साहसिक और संवेदनशील निर्णय के तहत दोनों शावकों को उनकी मां के साथ पुनर्मिलन की योजना बनाई गई।

इस तरह मिलाया : शावकों को एक प्लास्टिक क्रेट में रखकर उसी जगह पर ले जाया गया, जहां मादा तेंदुए के आने की संभावना थी। आसपास कैमरे लगाए गए और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया। गांववालों की भीड़ शावकों के लिए खतरा न बने, इसके लिए वन विभाग के कर्मचारी दूर से ही गश्त कर रहे थे। रात बीतने के बाद, आखिरकार मादा तेंदुआ लौट आई! उसने क्रेट को पलटकर अपने दोनों शावकों को एक-एक करके मुंह में उठाया और सुरक्षित स्थान पर ले गई।

यह पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण तस्वीरें धुंधली आईं। फिर भी, तस्वीरों से ज्यादा महत्वपूर्ण था शावकों का अपनी मां के साथ पुनर्मिलन, जो एक अविस्मरणीय और हृदयस्पर्शी क्षण था।

Created On :   19 July 2025 5:47 PM IST

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