Nagpur News: कोर्ट ने कहा - पेड़ों की गिनती में देरी क्यों, हर महीने रिपोर्ट दें

कोर्ट ने कहा - पेड़ों की गिनती में देरी क्यों, हर महीने रिपोर्ट दें
  • कंक्रीट के कारण वृक्ष खतरे में
  • पर्यावरण विशेषज्ञों ने जनहित याचिका दायर की

Nagpur News बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शहर के पर्यावरण संबंधी एक गंभीर मामले पर संबंधित अधिकारियों को जवाब तलब किया। पेड़ों की गिनती में देरी का कारण पूछते हुए हर महीने रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। शहर में पेड़ों के आधार को सीमेंट से ढंकने और चारों ओर कंक्रीट लगाने से पेड़ों का अस्तित्व खतरे में है। इसलिए शरद पाटील और अन्य तीन पर्यावरण विशेषज्ञों ने एक जनहित याचिका दायर की है। इसमें पेड़ों को कंक्रीट से मुक्त करने की मांग की गई है। इस पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। ज्ञात हो कि नागपुर शहर में पिछले दो वर्ष से वृक्ष गणना हो रही है, लेकिन अब तक केवल 5 जोन में 26 लाख पेड़ों की गिनती हो पाई है। इस देरी को कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए पूछा है कि वृक्ष गणना कब तक पूरी होगी। अदालत ने मनपा को विस्तृत जानकारी देने का आदेश दिया है। वृक्ष गणना की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया गया है।

पेड़ों का विकास रुका : याचिका के अनुसार शहर में इमारतों, टाउनशिप, सड़कों और अन्य निर्माण कार्यों के कारण पेड़ जैसे प्राकृतिक संसाधन की अनदेखी हो रही है। विकास के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा है। जिन पेड़ों को विकास गतिविधियों में शामिल कर काटा नहीं गया, उन्हें सीमेंट और कंक्रीट से दबा दिया जा रहा है। इससे उनका अस्तित्व खतरे में है। पेड़ों का विकास रुक गया है। शहर के पेड़ों को बचाना और उन्हें सीमेंट और कंक्रीट मुक्त करना जरूरी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मनपा से वृक्ष गणना में देरी पर स्पष्टीकरण मांगा था। अब इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. राधिका बजाज और मनपा की ओर एड. जेमिनी कासट ने पैरवी की।

समिति में दो अन्य पर्यावरण विशेषज्ञों को शामिल करें : शहर के पेड़ों को कंक्रीट मुक्त करने के लिए कोर्ट ने विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में समिति बनाने का आदेश दिया है। इसमें मनपा, नासुप्र, पीडब्ल्यूडी, एनएमआरडीए, मेट्रो आदि एजेंसी को भी शामिल किया गया है। पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता ने समिति में खुद को शामिल करने का अनुरोध किया था। सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता प्राची माहुरकर को समिति में नियुक्त करने पर विचार करने का आदेश दिया। कोर्ट ने समिति में प्रशासन के अलावा अन्य दो पर्यावरण विशेषज्ञों को शामिल करने का भी आदेश दिया। विभागीय आयुक्त को दो सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।

कंक्रीट से घिरे पेड़ों को भी गिनें स: सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील राधिका बजाज ने कहा कि अब तक केवल पांच जोन की वृक्ष गणना पूरी हुई है। अन्य पांच जोन की गणना बाकी है। इसलिए बची हुए वृक्ष गणना में कंक्रीट से घिरे पेड़ों की भी गिनती की जाए। तब मनपा प्रशासन को इसकी अलग से गिनती नहीं करनी पड़ेगी।


Created On :   5 April 2025 2:28 PM IST

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