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Nagpur News: मंत्रियों के कामकाज का मूल्यांकन हो रहा , निष्क्रिय मंत्रियों को देवाभाऊ छोड़ेंगे नहीं

- मंत्रियों के परफार्मंस को लेकर आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके ने कहा
- जो काम नहीं कर रहे हैं उन्हें काम पर लगाया जाएगा
Nagpur News मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा के सवाल पर आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके ने संकेत दिए है कि कुछ मंत्रियों के विभाग के मामले में फेरबदल हो सकता है। मंत्री उईके ने कहा है- मंत्रियों के कामकाज का मूल्यांकन हो रहा है या नहीं यह तो नहीं बताया जा सकता है लेकिन इतना तय है कि निष्क्रिय पाए जानेवाले मंत्रियों को देवाभाऊ अर्थात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस छोड़ेंगे नहीं। जो काम नहीं कर रहे हैं उन्हें काम पर लगाया जाएगा। राज्य के विकास के लिए देवाभाऊ दौड़ रहे हैं। मंत्रियों को भी काम पर लगाया जा रहा है।
शनिवार को मंत्री उईके ने पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा की। मंत्री पद को लेकर राज्य में कई नेताओं में असंतोष है। मंत्रिमंडल गठन के समय भाजपा व उसके सहयोगी दलों ने अपने कुछ प्रमुख विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया। पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल, पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने खुलकर नाराजगी प्रकट की है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंत्री पद के लिए ढाई-ढाई वर्ष का फार्मूल दिया। वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मंत्रियों का परफार्मंस देखकर मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा।
मंत्रियों के लिए 100 दिन के कामकाज का कार्यक्रम भी तय किया गया। आदिवासी विकास मंत्री उईके ने कहा- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तेज गति से काम कर रहे है। आदिवासी विकास विभाग भी तेज गति से काम करने का प्रयास कर रहा है। आदिवासी विभाग में कई बदलाव किए गए हैं। आदिवासी विभाग के बदलाव जल्द ही घोषित किए जाएंगे। आदिवासी विभाग के मंत्री बनने के बाद उईके ने आश्रमशालाओं में रात्रि विश्राम करके विद्यार्थियों की समस्याओं को जानने का प्रयास किया। विद्यार्थियों के साथ भोजन कर आश्रमशाल के भाेजन का स्तर जांच किया। आदिवासी विकास मंत्री के इस तरह औचक निरीक्षण से आश्रमशालाओं में भोजन आपूर्ति करनेवाले ठेकेदारों में खलबली मची थी।
विकास निधि की जांच : आदिवासी विकास मंत्री ने बताया कि उनके विभाग में निधि के खर्च की जानकारीजुटायी जा रही है। आदिवासी विभाग के राज्य सरकार के बजट में से लगभग 9.5 प्रतिशत निधि मिलती है। वह निधि देना राज्य सरकार के लिए बंधनकारक है। इसके अलावा 5 प्रतिशत निधि केंद्र सरकार से मिलती है। पर्याप्त निधि उपलब्ब्ध होती है। लेकिन 60 वर्षों में आदिवासी समाज का सामाजिक व आर्थिक विकास नहीं हो पाया है।
Created On :   5 April 2025 7:43 PM IST