लोकसभा सीट: रामटेक लोकसभा पर दो पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों की नजर, भाजपा ले सकती है निर्णय

रामटेक लोकसभा पर दो पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों की नजर, भाजपा ले सकती है निर्णय
  • केंद्रीय पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर भाजपा ले सकती है चौंकानेवाला निर्णय
  • रामटेक लोकसभा पर दो पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों की नजर

डिजिटल डेस्क, नागपुर, रघुनाथसिंह लोधी। लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत राजनीतिक हलचल के बीच रामटेक क्षेत्र के लिए इच्छुक उम्मीदवारों के नाम सामने आने लगे हैं। इनमें दो पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों के नाम प्रमुखता से सामने हैं। युवा नेतृत्व को महत्व मिलने की उम्मीद के साथ कुछ युवा नेताओं की उम्मीदें भी बंधने लगी है। इस बीच भाजपा के बारे में कहा जा रहा है कि वह चौंकानेवाला निर्णय ले सकती है। कुछ दिन पहले भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने इस क्षेत्र में गोपनीय दौरा किया था। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर भाजपा नया उम्मीदवार तय कर सकती है। उधर इस क्षेत्र से लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे कृपाल तुमाने का दावा भी कायम है। तुमाने के समर्थन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र डॉ.श्रीकांत शिंदे ने साफ कहा है कि तुमाने ही शिवसेना के उम्मीदवार होंगे।


गजभिये व गवई के नाम की चर्चा

इस क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से किशोर गजभिये प्रमुख टिकट दावेदारों में शामिल है। 2019 के चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन गुटबाजी से घिरे रहे। पराजित हुए। भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्यरत रहे गजभिए ने क्षेत्र के विविध विषयाें को लेकर जनसंपर्क बनाए रखा है। ग्रीन जिम सामग्री घोटाला, कोल ढुलाई घोटाला सहित अन्य विषयों को लेकर उन्होंने क्षेत्र में उन्होंने सक्रिय जनप्रतिनिधि की भूमिका निभायी। महिला सम्मेलन से लेकर सत्कार कार्यक्रमों का आयोजन किया। उन्होंने कांग्रेस में उम्मीदवारी आवेदन दिया है। भारतीय विदेश सेवा में कार्यरत रहे मधुसूदन गवई सोशल मीडिया पर सक्रिय है। उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल में रामटेक लोकसभा क्षेत्र लिखा गया है। 2019 के चुनाव में वे विधानसभा की तैयारी कर रहे थे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी व तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ विविध कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं। इस बार उनके समर्थकों को विश्वास है कि उन्हें ही उम्मीदवारी मिलेगी। भाजपा के लोकसभा चुनाव समन्वय अरविंद गजभिये, पूर्व विधायक सुधीर पारवे के नाम भी चर्चा में रहे हैं।


संदीप व कुणाल के नाम पर भी हो सकती है चर्चा

भाजपा में युवा नेतृत्व के तौर पर संदीप गवई के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। विधानसभा व विधानपरिषद चुनाव लड़ चुके संदीप को मनपा की राजनीति का अनुभव हैं। बौद्धिष्ट दलित होने के बाद भी हिंदूवादी कार्यक्रमों में संदीप की विशेष भागीदारी भाजपा के कई निर्णायक नेताओं को आकर्षण कर रही है। हाल ही में रामभक्तों की नागपुर से अयोध्या यात्रा के नियोजन की मुख्य जिम्मेदारी संदीप ने संभाली। रामटेक क्षेत्र में भाजपा के दलित वर्ग के प्रमुख जनप्रतिनिधियों में संदीप शामिल है। कांग्रेस में कुणाल राऊत उम्मीदवारी के लिए आवेदन दे चुके हैं। कुणाल के पिता व पूर्व मंत्री नितीन राऊत ने पहले से ही इस क्षेत्र में प्रभाव बनाने का प्रयास जारी रखा है। पूर्व मंत्री सुनील केदार के साथ राजनीतिक स्पर्धा के कारण नितीन राऊत के नाम का विरोध हो सकता है लेकिन सर्वसमावेश युवा नेतृत्व के तौर पर कुणाल का नाम सामने लाया जा सकता है। कुणाल, युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। दावा किया जा रहा है कि चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही इच्छुक उम्मीदवार सामने आ सकते हैं।


रामटेक सीट पर एक नजर

रामटेक लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई थी। उस दौरान कांग्रेस के कृष्ण राव गुलाबराव देशमुख सांसद बने। 1998 तक यह कांग्रेस का गढ़ रही। अमृत गणपत सोनार 1967 और 1971 में लगातार दो बार जीते। फिर 1974 में राम हेडाऊ निर्दलीय जीते। 1977 और 1980 में जतीराम बर्वे लगातार जीते। लेकिन, यह सबसे ज्यादा चर्चा में 1984 में रही। उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हाराव यहां से चुनाव लड़े थे। इसके बाद 1989 में भी वो यहां से जीत दर्ज करने में सफल रहे थे। उनके बाद 1991 में भोंसले राज परिवार के तेज सिंह राव, 1996 में दत्तात्रय राघोबाजी मेघे, 1998 में रानी चित्रलेखा भोसले चुनाव जीते। 1999 में शिवसेना ने यह सीट जीती। 2009 में कांग्रेस की जीत को छोड़ दे जो शेष समय यहां शिवसेना ही जीतती रही है।

Created On :   18 Feb 2024 3:22 PM GMT

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