Panna News: बच्चों को बारिश से बचाने बया पक्षी ने बनाये घोंसले, कुशल कारीगरी देखकर आकर्षित हो रहे है पक्षी पे्रमी

बच्चों को बारिश से बचाने बया पक्षी ने बनाये घोंसले, कुशल कारीगरी देखकर आकर्षित हो रहे है पक्षी पे्रमी
  • बच्चों को बारिश से बचाने बया पक्षी ने बनाये घोंसले
  • कुशल कारीगरी देखकर आकर्षित हो रहे है पक्षी पे्रमी

Panna News: बारिश के इस मौसम में प्रकृति का सौन्दर्य निखर रहा है प्रकृति ने इंसान ही नहीं बल्कि जीव जन्तुओं को भारी से भारी बरसात में किस तरह से सुरक्षित रहा जा सकता है यह सिखाया है। बया पक्षी जिसे पक्षियों का इंजीनियर कहा जाता है द्वारा बारिश में खुद एवं अपने बच्चो को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाये गए घोंसले पक्षी एवं प्रकृति प्रेमियो को सहज रूप से आकर्षित कर रहे है। नन्हें से पक्षी की मेहनत और कुशल कारीगरी का परिणाम यह है कि वह जो घोंसले तैयार करते है उसमें पानी की बूंद भी प्रवेश नहीं कर पाती। शाहनगर वन परिक्षेत्र के लमतरा बीट व अतरहाई बीट में बडी संख्या में बया पक्षी द्वारा तैयार किए गए घोंसले देखे जा सकते है। बया जिसे टेलर बर्ड के नाम से जाना जाता है घास के छोटे-छोटे तिनकों व पत्तियों को लेकर लालटेन की तरह लटकते हुए बरसात में खूबसूरत घोंसले का निर्माण करते है।

वन परिक्षेत्र अधिकारी शाहनगर राजुल कटारे बताते है कि वैसे तो यह पक्षी खजूर, पीपल एवंं झाडिय़ों में इन दिनों अपना घोंसला निर्माण कर रहे है। वह अपने लिए घोसलों का निर्माण अप्रैल व नवम्बर माह से ही प्रारंभ कर देते है। बया पक्षी औसतन १८ से २० दिन में अपना घोंसला तैयार कर लेते है बारिश के मौसम में घोंसला इसलिए बनाते है कि इस मौसम में इन्हें अपने बच्चो को खिलानेे के लिए कीड़े-मकोड़े आसानी से मिल जाते है। घोसले को वाटर रूफ बनाने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल करते है विशेष घास सरकंडा और मिट्टी का प्रयोग करते है। शिकारियों से घोंसले को बचाने के लिए ऊपरी परत में कंटीली घास की परत रहती है।

मादा बया की पसंद न पसंद का ध्यान

वन परिक्षेत्र अधिकारी राजुल कटारे ने बताया कि बया पक्षी अच्छा से अच्छा और सुरक्षित घोंसला तैयार हो इस पर जोर देता है। नर बया पक्षी जब आधा घोंसला तैयार कर लेता है तो इसके बाद वह मादा पक्षी को उसे देखने के लिए आवाज लगाकर आकर्षित करता है और यदि मादा पक्षी को उन्हें घोंसला पसंद नहीं आता है तो नर बया पक्षी उसे वैसा ही छोडक़र दूसरा घोंसला बनाने में जुट जाते है।

Created On :   14 July 2025 12:03 PM IST

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