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Seoni News: ‘सयाने मोगली’ की साइकिल बता रही ‘टाइगर’ से कैसे बचें

- मंडे पॉजिटिव : पेंच पार्क के बफर परिक्षेत्रों के 107 गांवों के ग्रामीणों को किया जा रहा जागरूक
- सुरक्षा श्रमिक को ‘सयाने मोगली’ की साइकिल लेकर रोजाना एक गांव में भेजा जाने लगा।
Seoni News: तीन साल पहले वर्ष 2022 में आई रिपोर्ट के अनुसार पेंच नेशनल पार्क क्षेत्र अंतर्गत लैंड स्कैप में 123 टाइगर पाए गए हैं। लगभग 411 वर्ग किमी कोर तथा लगभग 768 वर्ग किमी के बफर सहित कुल 1179.63 वर्ग किमी संरक्षित एरिया के दायरे में फैले पार्क के जंगल से बाहर निकलकर टाइगर सहित अन्य हिंसक वन्य प्राणी गांवों तक दस्तक दे रहे हैं। इससे मवेशियों का शिकार बढ़ गया है, वहीं जनहानि भी हो रही है।
रूखड़ वन परिक्षेत्र के गोंडेगांव में टाइगर के हमले से हुई एक व्यक्ति की मौत से हिंसक वन्य प्राणी से सुरक्षा संबंधी सुझावों को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने की आवश्यकता महसूस हुई। रूखड़ परिक्षेत्र के रेंजर शुभम बड़ोनिया के अनुसार इस आवश्यकता की पूर्ति हेतु पेंच राष्ट्रीय उद्यान के रूखड़ परिक्षेत्र में ‘सयाने मोगली’ की साइकिल के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करना शुरु किया गया। सुरक्षा श्रमिक को ‘सयाने मोगली’ की साइकिल लेकर रोजाना एक गांव में भेजा जाने लगा।
अब पेंच राष्ट्रीय उद्यान के सभी 6 बफर परिक्षेत्रों के 107 गांवों में प्रतिदिन 6 ‘सयाने मोगली’ की साइकिल वन विभाग के संदेशों को एक स्पीकर व बोर्ड में लिखे सुझावों के माध्यम से प्रसारित कर रही हैं। इन संदेशों में हिंसक वन्य प्राणियों से बचाव के उपाय, वनों की आग से सुरक्षा संबंधी संदेश, पर्यावरण संरक्षण, सरकारी योजनाओं की जानकारी, वन विभाग का हेल्पलाइन नंबर एवं विभिन्न मुनादी संदेश शामिल हैं। ‘सयाने मोगली’ की साइकिल को रोजाना 6 गांव में भेजा जा रहा है।
स्वच्छता का भी संदेश
‘सयाने मोगली’ की साइकिल के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत ग्रामीणों को स्वच्छता का संदेश भी दिया जा रहा है। पर्यावरण के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है। ‘सयाने मोगली’ की साइकिल गांव-गांव जाकर संदेश दे रही है कि जन्मदिवस में एक पेड़ अवश्य लगाएं, प्लास्टिक का उपयोग कम करें, कचरा यहां-वहां न फेंकें, वन्य प्राणियों को खाना देना अपराध है। बंदरों या अन्य वन्य प्राणियों को खाना न देवें, वन विभाग द्वारा मुनादी अथवा सूचना देने पर जंगल में प्रवेश न करें, अंधेरे में जंगल की ओर न जाएं, अंधेरे में टार्च का उपयोग करें, जंगलों को आग से बचाएं।
ऐसे कर रहे ग्रामीणों को जागरूक
बाघ या अन्य वन्यप्राणी दिखने पर उसके ऊपर कुछ भी न फेंकें, ना ही उसका पीछा करें।
बाघ दिखाई देने पर चेहरा सामने रखकर धीरे-धीरे पीछे हटें।
गांव के पास बाघ दिखाई देने पर तुरंत आसपास के लोगों एवं कर्मचारियों को सूचित करें।
जंगल में मवेशियों को न चराएं। रात में मवेशियों को गौशाला में रखें।
वन्य प्राणी द्वारा मवेशी पर हमला करने पर मवेशी को बचाने न जाएं।
जंगल जाते समय स्पीकर या फोन पर गाना बजाएं।
महुआ बीनने समूह में जाएं। महुआ के पेड़ के नीचे सफाई करें, आग न लगाएं।
हाईवे में वन्यप्राणी के दिखने पर उसे जंगल की ओर जाने का रास्ता देवें, उसका रास्ता रोककर परेशान न करें।
इनका कहना है-
‘सयाने मोगली’ की साइकिल के माध्यम से बफर क्षेत्र के सौ से अधिक गांवों के ग्रामीणों को हिंसक वन्य प्राणियों से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। रोजाना 6 गांवों में ‘सयाने मोगली’ की साइकिल जा रही है। जागरूकता के लिए प्रारंभ की गई इस कवायद के सकारात्मक प्रयास भी सामने आ रहे हैं।
- रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच नेशनल पार्क
Created On :   4 Aug 2025 2:49 PM IST