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Shahdol News: पार्किंग एरिया बनकर रह गईं करोड़ों की सडक़ें

- जिस एरिया में वाहनों का आवागमन कम होता है वहां की सडक़ें जल्द खराब भी होने लगती हैं।
- अनदेखी : लगातार आवागमन न होने से खराब हो रहीं एक ओर की सडक़ें, प्रशासन सुस्त
- सडक़ों से वाहनों को हटाना अकेले नगरपालिका के बस की बात नहीं है।
Shahdol News: करोड़ों की लागत से निर्मित मॉडल रोड हों या अन्य मुख्य सडक़ें, सभी का उपयोग पार्किंग स्थल के रूप में किया जा रहा है। शासन-प्रशासन द्वारा सडक़ों का चौड़ीकरण आवागमन की सुगमता के लिए कराया, गया लेकिन यह मंशा पूरी नहीं हो रही है। किसी भी रोड पर निकल जाएं, 30-40 फिट चौड़ी सडक़ों के एक ओर के हिस्से पर वाहनों का जमावड़ा मिल जाएगा।
ऐसे में मात्र 10-12 फिट की जगह ही बचती है, जिससे जाम की स्थिति बनने लगती है। दोहपर होते-होते वाहनों के जमावड़े से सडक़ें संकरी होने लगती हैं। चार पहिया में छोटी कार भी चल रही हो तो उससे आगे निकलन पाना मुश्किल होता है। यदि सडक़ पर वाहनों की पार्किंग न हो तो आसानी से निकला जा सकता है और आवागमन सुगत होगा। लेकन इस ओर न तो नगरपालिका और न ही यातायात पुलिस द्वारा ध्यान दिया जा रहा है।
सबसे ज्यादा दिक्कत यहां
शहर की लगभग हर सडक़ों का उपयोग पार्किंग के रूप में किया जा रहा है। गांधी चौक से लेकर इंदिरा चौक तक सडक़ 50 फिट तक चौड़ी है, लेकिन आधे से ज्यादा एरिया में वाहन खड़े कर दिए जाते हैं। इससे आगे बढऩे पर मॉडल रोड लल्लू सिंह चौक तक एक हिस्सा जाम रहता है। गणेश मंदिर से आगे एक दो ट्रांसपोर्ट के अलावा गैराज व कार श्रंगार जैसी दुकानों के सामने वाहनों का जमावड़ा रहता है। गांधी चौक से जय स्तंभ और राजेंद्र टाकीज से पांडवनगर मॉडल रोड दिन होते निकलने लायक नहीं बचता। गांधी चौक से गंज रोड और स्टेशन रोड का यही हाल है। सडक़ चौड़ी होने के बाद भी हर घंटे जाम लगता है।
ऐसे में खराब हो रही सडक़ें
जिस एरिया में वाहनों का आवागमन कम होता है वहां की सडक़ें जल्द खराब भी होने लगती हैं। मॉडल रोड का उदाहरण लें, तो जिस ओर वाहन खड़े रहते हैं, वहां से वाहनों का निकलना नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में डामर ठीक से बैठ नहीं पाता और उखडऩे लगती हैं, इससे शासन की राशि की बर्बादी ही होती है। लोगों का कहना है कि यदि वाहनों की पार्किंग ही बनाना है तो सडक़ों के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च क्यों किए जा रहे हैं।
सडक़ों से वाहनों को हटाना अकेले नगरपालिका के बस की बात नहीं है। हैवी वाहनों को हटाने के लिए और नियमानुसार कार्रवाई के लिए पुलिस का सहयोग जरूरी है। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों व यातायात को पत्र लिखा गया है।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ नगरपालिका
Created On :   2 Jun 2025 2:00 PM IST