मानवाधिकार संगठन: ह्यूमन राइट्स वॉच ने किया बड़ा दावा, बुर्किना फासो में सेना ने सैकड़ों लोगों की हत्या की

- हत्याकांड में सरकारी बलों की भूमिका का खुलासा
- सोलेंजो में हुए अत्याचारों के वीडियो ने पूरे सहेल क्षेत्र को झकझोर दिया
- सवालों के घेरे में सेना की रणनीति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के बारे में बड़ी जानकारी साझा की है, ह्यूमन राइट्स वॉच ने बड़ा दावा करते हुए वहां की सेना पर सैकड़ों लोगों की हत्या का आरोप लगाया है। वॉच ने सोमवार को एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी। मानवाधिकार संगठनों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में सेंसरशिप का माहौल है और जो लोग बोलने की हिम्मत करते हैं, उन्हें गिरफ्तार, अगवा या जबरन सेना में भर्ती किया जा सकता है।
मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि ये नरसंहार सोलेंजो कस्बे के पास हुआ, जो सरकार की आज्ञा पर सेना ने किया। बुर्किना फासो की विशेष सैन्य बल और सरकार समर्थक वॉलंटियर्स फॉर द डिफेंस ऑफ द होमलैंड (VDP) नामक मिलिशिया ग्रुप के मेंबर थे। जबकि जिन लोगों की हत्या की गई है वे सभी लोग फुलानी वर्ग से थे, जो एक पशुपालक कास्ट कम्युनिटी के है। इस कम्युनिटी को सरकार लंबे समय से इस्लामी चरमपंथियों का समर्थक मानती आई है।
आपको बता दें सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के आधार पर संगठन ने पहले ही नरसंहार में सेना के हाथ होने का संकेत दिया था, लेकिन उसके पास कोई निश्चित प्रमाण नहीं था। जिसकी वजह से सरकार ने उस समय मानवाधिकार संगठन के आरोपों से साफ इनकार कर दिया था, तब सरकार ने कहा था कि ऐसी झूठी सूचनाएं देश की सामाजिक एकता को कमजोर करने की कोशिश हैं।
जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन नामक एक जिहादी संगठन ने उन लोगों को निशाना बनाया जिन्हें उन्होंने सैन्य सहयोगी माना। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, सभी पुरुषों को गांव के स्वास्थ्य केंद्र के सामने लाइन में खड़ा कर 70 लोगों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। रिपोर्ट से ये जानकारी मिलती है कि बड़ी संख्या में फुलानी निवासी माली की ओर भाए गए। सोलेंजो के पूरी प्रांत में कोई भी फुलानी नहीं बचा है। उन्हें या तो मार दिया गया या वे भाग गए या हिरासत में लिए गए। लेकिन अन्य कास्ट समुदाय जैसे के तैसे वहीं निवासरत हैं।
विश्लेषकों के मुताबिक, 2022 में सत्ता में आई सैन्य सरकार ने अनुशासनहीन नागरिक मिलिशिया की भारी तादाद में भर्ती की, इससे जातीय तनाव बढ़ गया। देश के 60% से अधिक हिस्से पर सरकार का नियंत्रण नहीं है और करीब 21 लाख पलायन कर चुके है। उनके घर खाली है।
ह्यूमन राइट्स वॉच की वरिष्ठ शोधकर्ता इलारिया एलेग्रोजी नेमीडिया से कहा, सोलेंजो में हुए अत्याचारों के वीडियो ने पूरे सहेल क्षेत्र को झकझोर दिया, लेकिन वो केवल कहानी का एक पार्ट हैं। आगे की जांच में सामने आया कि नरसंहार में बुर्किना फासो की सेना का हाथ है।
Created On :   12 May 2025 5:59 PM IST