Amravati News: अमरावती जिले में कपास और सोयाबीन की बादशाहत रहेगी बरकरार

अमरावती जिले में कपास और सोयाबीन की बादशाहत रहेगी बरकरार
  • 6.85 हजार हेक्टेयर में खरीफ सीजन का नियोजन
  • डीएपी की पर्याप्त खेप मंगवाई, अभी 18.53 का स्टॉक

Amravati News खरीफ सीजन 2025-26 की शुरुआत से पहले जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी कर ली है। जिले में इस वर्ष खरीफ फसलों के लिए 6 लाख 85 हजार 900 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें सर्वाधिक 2 लाख 49 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास और 2 लाख 66 हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन का रकबा रहेगा। जबकि जिले में 1 लाख 81 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर की बुआई अनुमानित है। मूंग व उड़द जैसी दलहनी फसलों में भी क्षेत्र और उत्पादन में वृद्धि के संकेत हैं। मक्का की उत्पादकता 2,500 किलो/हे. रखने का प्रयास किया जाएगा। खरीफ सीजन में कुल मिलाकर 89 हजार 95 क्विंटल बीज की डिमांड अपेक्षित है।

खरीफ फसलों के लिए इस वर्ष जिले में 1,43,668 मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता अनुमानित की गई है। जिसमें 5 मई 2025 तक 17227 मीट्रिक टन खाद प्राप्त हो चुका है। इस तरह पिछले सीजन का शेष मिलाकर कुल 65 हजार 659 मीट्रिक टन खाद भंडारण उपलब्ध है। जिसमें यूरिया, डीएपी, म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) और सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) प्रमुख हैं। जिले में कुल 1,403 उर्वरक विक्रेता और 788 बीज विक्रेता सक्रिय हैं, जो वितरण व्यवस्था को सुचारु बनाए हुए हैं। स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने के लिए कुल 351 कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) और 14,310 कृषि यंत्र किसानों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। इससे छोटे और सीमांत किसानों को आधुनिक यंत्रों की सुलभता सुनिश्चित हो रही है।

पिछली बार बारिश कम, इस बार उम्मीदें जागीं : बीते खरीफ सीजन में जून से सितंबर तक जिले में 818.2 मिमी वर्षा (94.91%) हुई, जो औसत 862 मिमी वर्षा के करीब रही, जिससे बुआई पर अनुकूल असर पड़ा था।

छोटे किसानों की बहुलता : जिले में कुल 4.70 लाख किसान हैं, जिनमें से 36% (1.64 लाख) सीमांत किसान हैं जिनके पास 1 हेक्टेयर से कम भूमि है। 43% (1.94 लाख) किसान छोटे हैं। जिनके पास 1 से 2 हेक्टेयर भूमि है। यह स्पष्ट करता है कि जिले की कृषि संरचना छोटे और सीमांत किसानों पर टिकी है। मध्यम और बड़े किसानों की संख्या मात्र 21% (97,346) है।

वर्ष 2024-25 के आंकड़े

कपास : 2,09,410 हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई, औसत उत्पादकता 392 किलो/हेक्टर रही।

सोयाबीन : सर्वाधिक क्षेत्र 2,97,912 हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई, औसत उत्पादकता 915 किलो/हे.

तुअर : 1,12,811 हे. में बुआई, उत्पादकता 985 किलो/हे.

वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य

कपास का क्षेत्र बढ़ाकर 2,49,500 हे. किया जाएगा और उत्पादकता 635 किलो/हे. तक पहुँचाने का लक्ष्य है।

सोयाबीन में 2,67,800 हे. क्षेत्र और 1,710 किलो/हे. उत्पादकता का लक्ष्य रखा गया है।

तुअर के लिए 1,21,000 हे. क्षेत्र और 1,290 किलो/हे. उत्पादकता का प्रस्ताव है।


Created On :   13 May 2025 2:01 PM IST

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