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Amravati News: मेलघाट के दो हजार बांधों में नहीं ठहर रही पानी की बूंद

- सिंचाई तो दूर जानवरों को पीने के लिए भी नहीं मिल रह पानी
- जर्जर हुए बांधों को उनके हाल पर छोड़ा
Amravati News जिले के दुर्गम क्षेत्र में शुमार मेलघाट में सिंचाई की दृस्टि से करोड़ों रुपए खर्च कर बनाये दो हजार सीमेंट के बांधों की हालत खराब होने से क्षेत्र में भारी जलकिल्लत का सामना करना पड़ रहा है। विगत बीस-पच्चीस वर्षों से आदिवासी इलाके में जलसंधारण के नाम पर पानी की तरह पैसा बहाया गया, लेकिन यह खर्च व्यर्थ जाने से अभी भी जलकिल्लत की समस्या पीछा नहीं छोड़ रही है। हाल यह है कि सिंचाई को तो दूर जानवरों को पीने को तक पानी नहीं मिल रहा है।
क्षेत्र में कृषि, जि.प. के सिंचाई विभाग, ग्राम पंचायत, जलसंपदा विभाग के माध्यम से क्षेत्र के नदी-नालों पर सीमेंट के बांध का निर्माण किया गया है। वर्तमान में इन बांधों की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि इसमें बारिश का पानी संचय ही नहीं होता। जिससे यह बांध किसी काम में नहीं आ रहे है। घटिया निर्माण कार्य और देखरेख के अभाव में यह बांध बिन पानी के सूखे पड़े हैं। इन बांध में गाद इतनी मात्रा में जमा हो गई है कि सीमेंट बांध खोजने से भी नहीं मिलता है। इन अधिकांश बांध की उम्र खत्म हो गई है।
जगह-जगह हुई टूट फूट की वजह से बारिश के मौसम मे इन बांधों में एक बूंद पानी जमा नहीं होता है। एक समय इन्हीं बांधों में इतना जल संचय होता था कि, पूरे महाराष्ट्र में मेलघाट के बांधों की मिसाल पेश की जाती थी, लेकिन आज यह बांध अवशेष स्वरूप रह गए हैं। ऐसे कम से कम दो हजार छोटे बडे़ सीमेंट के बांध अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे है। इनकी खराब हालत से किसानों के साथ-साथ जानवर भी जल के लिए भटकते नजर आ रहेे हैं।
सुधार के लिए निधि मांगेंगे : सीमेंट के बांधों की रिपेयरिंग के लिए निधि का प्रावधान नहीं है। जिससे देखरेख के अभाव में यह पुराने बांध जर्जर अवस्था में हंै। इनमें से कईयों की हालत बहुत खराब है। इसलिए इन बांधों की रिपेयरिंग के लिए निधि की मांग की जायेगी। - डी. एस. लिंगायत, उप विभागीय अधिकारी
समयावधि पूर्ण हुई :मेलघाट के लगभग सभी नदी-नालों पर सीमेंट बांधों का निर्माण किया गया है। छोटे बडे़ बांधों की उम्र की सीमा खत्म हो गई है। इन बांधों की रिपेयरिंग की गयी तो इनमें दस से बीस वर्ष पानी का संचय कर सकते हैं। - अरुण बेठेकर, मंडल कृषि अधिकारी, धारणी
Created On :   15 May 2025 1:58 PM IST