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Chhindwara News: शहर के पास टाइगर-तेंदुआ, माल्हनवाड़ा के खेत में मिले पगमार्क

- वन विभाग की टीम ने कराई मुनादी, अकेले खेतों में जाने से किया मना
- फिलहाल गांव के आसपास दहशत का माहौल बना हुआ है।
Chhindwara News: शहर से लगे हुए गांव माल्हनवाड़ा से लगे गांव के पास टाइगर और तेंदुआ का मूवमेंट है। पिछले दो दिनों से इस क्षेत्र के आसपास खेतों में किसानों ने बाघ के पंजे देखे है जिसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी।
मौके पर छिंदवाड़ा रेंजर नीरज बिसेन सहित टीम ने पहुंचकर जांच की है जहां बाघ के पंजों के निशान मिले हैं। इसके अलावा सूचना है कि इसी क्षेत्र के पास तेंदुआ का भी मूवमेंट बना है। बाघ का मूवमेंट होने के बाद अब माल्हनवाड़ा और इसके आसपास के क्षेत्रों में किसानों को अकेले नहीं जाने की समझाइश दी गई है।
इसके लिए वन विभाग ने मुनादी भी कराई है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि माल्हनवाड़ा के पास रहवासी इलाके से तकरीबन ढाई किलोमीटर दूर खेतों के पास बाघ के पंजों के निशान मिले है। वहीं कुछ दूरी में जंगल की ओर तेंदुआ के पगमार्क मिले हैं। फिलहाल गांव के आसपास दहशत का माहौल बना हुआ है।
मक्के के खेत में आसानी से होता है शिकार
वन अधिकारियों की माने तो माल्हनवाड़ा क्षेत्र के रहवासी इलाके से तकरीबन ढाई किलोमीटर दूरी पर नाले के पास तक बाघ के पगमार्क मिले हैं। इसके आसपास ही मक्का के खेत है। इन दिनों मक्का के खेत में जंगली सुअर का आना होता है। ऐसे मेंं संभावना जताई जा रही है कि शिकार के लिए बाघ का मूवमेंट इस क्षेत्र में हुआ है।
पेंच पार्क का है बाघ
वन अधिकारियों की माने तो पेंच नेशनल पार्क क्षेत्र से बाघ निकलकर आया है। पिछले वर्ष भी इसी प्रकार बाघ का मूवमेंट हुआ था। इसको देखते हुए अतरवाड़ा, माल्हनवाड़ा, कुहिया, भानादेही आसपास के क्षेत्रों में मुनादी के साथ अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि बीते वर्ष भी बाघ का मूवमेंट इस क्षेत्र में होने के बाद सारना होते हुए परासिया क्षेत्र के जंगलों में हुआ था।
सूचना के बाद मौके पर पहुंची टीम
पूर्व वनमंडल के छिंदवाड़ा रेंज के अंतर्गत आने वाले ग्राम माल्हनवाड़ा से लगे खेतों में बाघ के पगमार्क की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची टीम ने ग्राम या आसपास के खेतों में अकेले नहीं निकलने और समूह में शोर-गुल करते हुए समझाइश दी है। इस दौरान वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों से भी चर्चा करते हुए समझाइश दी है। इसके अलावा वन विभाग की टीम अब गश्ती कर रही है। वहीं सूचना के बाद डिप्टी रेंजर शंकर मर्सकोले, नरेन्द्र सिंह परमार, प्रदीप शुक्ला, गणेश यादव, महेश मालवी, प्रेमसिंह उईके आदि पहुंचे थे।
जंगलों में जगह कम इसलिए बन रहे ऐसे हालात
शहर से 15 किलोमीटर दूर माल्हनवाड़ा गांव में बाघों की मौजूदगी बाघों द्वारा नए इलाके की तलाश या बाघों की आवाजाही का संकेत है। प्रोजेक्ट टाइगर देश में बाघों की आबादी बढ़ाने में एक बड़ी सफलता है, लेकिन घटते वन क्षेत्रों के कारण बाघ मानव-बहुल क्षेत्रों में मनुष्यों के साथ रहने लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों से माल्हनवाड़ा गांव के आसपास के इलाकों में बाघों की मौजूदगी की खबरें आ रही थी।
-कैप्टन ब्रजेश भारद्वाज, वन्यजीव एक्टिविस्ट
इनका कहना है
माल्हनवाड़ा क्षेत्र से लगे खेतों में बाघ के पगमार्क मिले हैं। सूचना के बाद हमारी टीम पहुंची है और ग्रामीणों को समझाइश दी गई है। बाघ के अलावा तेंदुआ के भी पगमार्क मिले है।
- नीरज बिसेन, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, छिंदवाड़ा
Created On :   17 Sept 2025 2:30 PM IST