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गड़चिरोली: छठवें दिन भी सामाजिक कार्यकर्ताओं के आंदोलन की प्रशासन ने नहीं ली कोई सुध
- गांवों में शुरू सड़क निर्माणकार्य
- वनविभाग की आरक्षित वनभूमि से अवैध तरीके से मिट्टी, मुरूम और गिट्टी का उत्खनन
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली. भामरागढ़ वन विभाग के तहत आने वाले गट्टा वन परिक्षेत्र के गांवों में शुरू सड़क निर्माणकार्य के लिए वनविभाग की आरक्षित वनभूमि से अवैध तरीके से मिट्टी, मुरूम और गिट्टी का उत्खनन किया जा रहा है। इस कार्य के लिए संबंधित ठेकेदार और वनविभाग की मिलीभगत जिम्मेदार होकर इसकी कड़ी जांच कर दोषी वनाधिकारियों व वन कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग को लेकर गड़चिरोली के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यहां के वनसंरक्षक कार्यालय के समक्ष ठिया आंदोलन शुरू किया है।
सोमवार, 12 फरवरी को आंदोलन का छठवां दिन जारी होने के बाद भी प्रशासन ने अब तक आंदोलनकर्ताओं की सुध नहीं ली है। इस कारण आंदोलन को और अधिक तीव्र करने की चेतावनी आंदोलनकर्ता योगाजी कुडवे ने दी है। इस बीच बुधवार 14 फरवरी को भीख मांगों आंदोलन, 15 को ढोल बजाओ आंदोलन और 16 फरवरी को मुंडन आंदोलन करने की चेतावनी जारी की गयी है।
ज्ञापन में आंदोलनकर्ता योगाजी कुडवे ने बताया कि, सड़क निर्माणकार्य के लिए गट्टा वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले मेंढरी, वांगेतुरी, गर्देवाड़ा आदि गांवों से सटे आरक्षित वनभूमि में अवैध तरीके से मिट्टी, मुरूम और गिट्टी का उत्खनन किया जा रहा है। संबंधित ठेकेदार द्वारा वनाधिकारियों से मिलीभगत कर इस तरह का उत्खनन शुरू करने का आरोप कुडवे ने लगाया है। इस उत्खनन के कारण स्वयं वनविभाग को ही लाखों रुपए का चूना लगा रहा है।
जिम्मेदार वनाधिकारी व वन कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग
इसके लिए जिम्मेदार वनाधिकारी व वन कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग को लेकर कुडवे और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ठिया आंदोलन शुरू किया है। आंदोलन के छठवें दिन सामाजिक कार्यकर्ता योगाजी कुडवे, रवींद्र सेलोटे, चंद्रशेखर सिडाम, नीलकंठ संदोकर, आकाश मट्टामी, धनंजय डोईजड, रघुनाथ सिडाम, ईश्वर तिवाडे, राजू गडपायले, विलास भानारकर, आशीष नक्षिने, अरविंद देशमुख आदि आंदोलनकर्ता उपस्थित थे।
Created On :   13 Feb 2024 5:11 PM IST