लापरवाही: कोल्हापुरी बांधों से बह रहा पानी

कोल्हापुरी बांधों से बह रहा पानी
पानी रोकने के लिए नहीं लगाई पट्टियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गर्मी के मौसम में जलसंकट से बचने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर नालों पर बनाए गए कोल्हापुरी बांधों में पानी रोकने के लिए पट्टियां नहीं लगाई है। बांध में पानी का अटकाव नहीं करने से नालों में बह रहा है। इस वर्ष लौटता मानसून जमकर बरसने से फसलों को सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता नहीं पड़ी। इसलिए बांधों में पानी जमा करने में ग्राम पंचायत स्तर पर लापरवाही बरती गई है।

सिंचाई और मवेशियों के लिए वरदान

नालों पर बनाए गए कोल्हापुरी बांध में लगाई जानेवाली पट्टियां बरसात के मौसम में निकाल दी जाती है, ताकि पानी के बहाव में अड़ंगा पैदा होने पर नाला अपना रुख बदल न दें। बरसात का मौसम खत्म होने पर बांध में पट्टियां लगाकर पानी रोका जाता है। उस पानी का उपयोग खेती में सिंचाई के लिए किया जाता है। जो पानी बच जाता है, वह गर्मी के मौसम में मवेशियों को पीने के लिए उपयोग में आता है। जहां इंसान को पीने के लिए पानी नहीं मिलता, वहां कोल्हापुरी बांध का पानी मवेशियों के लिए वरदान साबित होता है।

जिले में 437 कोल्हापुरी बांध

जिले के ग्रामीण क्षेत्र में नालों पर 437 कोल्हापुरी बांध का निर्माण किया गया है। उसका रख-रखाव की जिम्मेदारी जिला परिषद के लघु सिंचाई विभाग की है। बरसात में बांध की पट्टियां निकालाना और बरसात के बाद वापस लगाना संबंधित ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है।

चोर चुरा ले गए पट्टियां : पहले लकड़ी की पट्टियों का उपयोग किया जाता था। उसकी जगह लोहे की पट्टियां उपयोग में लाई जा रही है। कुछ बांधों की पट्टियां कबाड़ चोरों द्वारा चुरा ले जाने की जानकारी मिली है।

3 हजार वनराई बांध का लक्ष्य : कोल्हापुरी बांध के अलावा जिले में 3 हजार वनराई बांध बनाए जाएंगे। जिला परिषद के लघु सिंचाई विभाग ने जनसहयोग से बांध बनाने का नियोजन किया है। इन बांधों में 9 हजार टीएमसी पानी संग्रहण होने का अनुमान है। प्रति ग्राम पंचायत को न्यूनतम 5 वनराई बांध बनाने लक्ष्य दिया गया है। 30 नवंबर तक बांध का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

सीमेंट की खाली बोरियों का उपयोग : वनराई बांध बनाने के लिए सीमेंट की खाली बोरियों का उपयोग किया जाएगा। ग्राम पंचायत के विकासकार्य में उपयोग में लाई गई सीमेंट की खाली बोरियों में रेत, मिट्टी, पत्थर भरकर बांध बनाए जाएंगे। जनता को सहभागी कर श्रमदान से वनराई बांध बनाने का लघु सिंचाई विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों को मार्गदर्शन किया जा रा है।

25 से अधिक बांध तैयार : लघु सिंचाई विभाग की सूचना पर कुछ ग्राम पंचायतों ने वनराई बांध बनाने की शुरुआत की है। 25 से अधिक बांध बनकर तैयार हो जाने का विभाग का दावा है। मौदा तहसील में आदासा, बर्डेपार, खराडा, सावनेर पंचायत समिति में रामपुरी व बिछुआ, कुही पंचायत समिति में सालवा, कलमेश्वर पंचायत समिति में वरोडा, काटोल पंचायत समिति में मेंडकी, नायगांव व गोंडी दिग्रस, हिंगना पंचायत समिति में वागधरा व गुमगांव, उमरेड पंचायत समिति में हलदगांव व पीपला, कामठी पंचायत समिति में कढोली, पारशिवनी पंचायत समिति में चारगांव, बनपुरी व नींबा, नागपुर पंचायत समिति में शिवा, धामना, लिंगा आदि ग्राम पंचायतों के सीमा क्षेत्र में वनराई बांध बनकर तैयार हो चुके हैं। अन्य गांवों में काम प्रगतिपथ पर बताया जाता है।

Created On :   15 Nov 2023 2:34 PM IST

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