Nagpur News: अन्न का महत्व समझाने विद्यालय में बनाया किचन गार्डन, स्कूल के हर छात्र किसान

अन्न का महत्व समझाने विद्यालय में बनाया किचन गार्डन, स्कूल के हर छात्र किसान
  • यहां सब्जी उगाने से लेकर बाजार तक की प्रक्रिया समझाई जाती है
  • मनपा विद्यालय का अनोखा उपक्रम
  • खाद भी खुद ही तैयार करते हैं बच्चे

Nagpur News मनपा के लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय ने बच्चों में खेती और अन्न के प्रति सम्मान पैदा करने के लिए एक अभिनव पहल की है। यहां ‘किचन गार्डन’ की शुरुआत की गई है, जहां छात्र न केवल सब्जियां उगाते हैं, बल्कि खाद भी खुद ही तैयार करते हैं और इन उपजों का विपणन भी करते हैं। यह उपक्रम बच्चों को खेती की शुरुआत से लेकर बाजार तक की संपूर्ण प्रक्रिया सिखाता है।

खेती से लेकर कटाई तक का काम : स्कूल परिसर में एक छोटी-सी जगह पर यह किचन गार्डन बनाया गया है, जिसमें टमाटर, बैंगन, मिर्च, मेथी, मूली जैसी कई मौसमी सब्जियां उगाई जाती हैं। बुवाई, देखभाल, सिंचाई और कटाई हर चरण में छात्र सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। अन्न के प्रति आदर का भाव विकसित करने के उद्देश्य से उन्हें यह भी बताया जाता है कि किसान कितनी मेहनत से एक-एक दाना उगाता है।

खुद बनाते हैं जैविक खाद : बच्चों को केवल खेती ही नहीं, बल्कि जैविक खाद बनाने की भी जानकारी दी जाती है। इसके लिए स्कूल ने वर्मीकंपोस्ट और गोबर खाद तैयार करने का टांका बनाया हैं, जहां बच्चे खुद ही मिट्टी, गोबर और केंचुए डालकर खाद तैयार करते हैं। इससे उन्हें प्रकृति और पोषण चक्र की गहरी समझ मिलती है।

उपज की बिक्री से खरीदते हैं बीज : किचन गार्डन में उगाई गई सब्जियां कभी स्कूल के फेस्टिवल ‘आनंद मेलावा’ में स्टॉल लगाकर बेची जाती हैं, तो कभी अभिभावकों या शिक्षकों को दी जाती हैं। इस बिक्री से जो पैसे मिलते हैं, उनसे बच्चे अगली फसल के लिए बीज और अन्य सामग्री खरीदते हैं। इस प्रक्रिया में वे किसान, व्यापारी और उत्पादक की भूमिका खुद निभाते हैं।

अन्न और किसान के प्रति सम्मान : यह उपक्रम बच्चों को पर्यावरण, श्रम का मूल्य और अन्न का सम्मान करना सिखा रहा है। वे अब अपनी थाली में अन्न नहीं छोड़ते और समझते हैं कि हर दाने के पीछे किसी किसान का खून-पसीना जुड़ा है। लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय की यह पहल अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणादायक बन रही है और शिक्षा के साथ जीवन मूल्यों की समझ भी दे रही है।

हर छात्र को मिल रहा अवसर : हर हफ्ते प्रत्येक कक्षा का एक पीरियड ‘परस बाग़' नाम से इस गार्डन को दिया जाता है ताकि सभी बच्चों को इसका अनुभव मिले। हमें बच्चों और अभिभावकों दोनों से इस उपक्रम को लेकर बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। - लता कनाठे, मुख्याध्यापिका


Created On :   17 July 2025 12:23 PM IST

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